Bihar News: बिहार की राजनीति में आवास को लेकर भी खूब सियासत होती है। यहां आवास का मतलब केवल एक ही होता है नेताओं का बंगला। नेताओं का बंगला तब तक उनका जब तक वो सत्ता में हैं, सत्ता से बाहर होते ही उन्हें अपने आवास से भी बाहर होना पड़ता है। बिहार में एक बार फिर बंगला को लेकर बवाल शुरू हो गया है। लेकिन इस बार बंगला किसी नेता से नहीं बल्कि अधिकारी से छीन गया है। दरअसल, बिहार के डीजीपी का बंगला छिन गया है।
मिली जानकारी अनुसार बिहार के डीजीपी एक बार फिर बांग्लाविहीन हो गए हैं। दो सर्कुलर रोड डीजीपी का बंगला हुआ करता था लेकिन अब वहां बिहार के मुख्य सचिव रहेंगे। बता दें कि, 30 और 31 अगस्त को बिहार के डीजीपी और मुख्य सचिव बदले गए थे। बिहार के नए डीजीपी आलोक राज और मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा को बनाया गया था। DGP बनते ही आलोक राज करीब 40 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किए।
डीजीपी का जो बांग्ला है वह छिन गया है आलोक राज अपने ही पुराने वाले आवास से दफ्तर में ही रह रहे हैं। दो सर्कुलर रोड डीजीपी का आवास अलॉट था लेकिन नए डीजीपी उस आवास में नहीं रहेंगे। बताया जा रहा है कि इस आवास में जो भी डीजीपी रहे हैं उनके कैरियर पर हमेशा के लिए पूर्ण विराम लग गया है। प्रथम बार गुप्तेश्वर पांडे जब बिहार के डीजीपी थे उसे समय ये आवास उन्हें अलॉट हुआ था। उन्होंने कहा था कि जो भी बिहार का डीजीपी बनेगा अब इसी आवास में रहेगा।
दरअसल, जानकारों की मानें तो डीजीपी के आवास में जो भी डीजीपी रहे या तो वो समय से पहले अपने पद से हट गए या फिर वो विवाद में ऐसे फंसे की हमेशा के लिए उन्हें अपना पद गंवाना पड़ा। इसके कई उदाहरण भी हैं। पहले उदाहरण को दिखे तो वो हैं गुप्तेश्वर पांडेय जब वो बिहार के डीजीपी थे तो उन्होंने अपने कार्यकाल को खत्म करने के पांच महीने पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद सियासी बजारों में ये अटकलें लगाई जाने लगी कि उन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए सीएम नीतीश के आदेश पर ऐसा किया है।
वहीं गुप्तेश्वर पांडे के बाद एसके सिंघल डीजीपी बने। वो भी इसी आवास में रहने लगे। विवादों में घिरे रहे, उसके बाद CSBC के अध्यक्ष बने पेपर लीक का मामला सामने आया। अब उसमें वो आरोपी है। एसके सिंघल के बाद आरएस भट्टी को बिहार के डीजीपी का कमान मिला। दिल्ली से बुलाए गए थे। सीनियर को पछाड़ कर डीजीपी बने थे। वो भी इसी बंगला में रहने लगे। उनके आने के बाद एक लॉबी बनना शुरू हो जाता है। और अंतोगत्वा समय से पूर्व ही उन्हें भी इस पद को छोड़ना भी पड़ता है।
कार्यकाल खत्म होने के पहले ही उन्हें दिल्ली से बुलावा आ गया। वो दिल्ली गए सीआईएसएफ के महानिदेशक बने। तीन डीजीपी इस बंगले में रहे लेकिन किसी को शांति नहीं मिला। वर्तमान डीजीपी आलोक राज इस बंगले में रहने से इनकार कर दिए। तब मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा को यह बंगला अलॉट हुआ। पहले 18 सर्कुलर रोड डीजीपी का आवास हुआ करता था।
पटना से नरोत्तम की रिपोर्ट