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धनकुबेर इंजीनियर ! पथ निर्माण के 'कार्यपालक अभियंता' बेनकाब...काले धन को 'सफेद' बनाने का खेला जबरदस्त खेल, पर कहते हैं न, .... सबूत छोड़ जाता है...

धनकुबेर इंजीनियर ! पथ निर्माण के 'कार्यपालक अभियंता' बेनकाब...काले धन को 'सफेद' बनाने का खेला जबरदस्त खेल, पर कहते हैं न, .... सबूत छोड़ जाता है...

PATNA:  बिहार में कहने को सुशासन राज है, लेकिन यहां भ्रष्टाचार चरम पर है. अधिकारी जमकर माल बना रहे हैं. हालांकि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कार्रवाई का दावा करती है. लेकिन उससे कोई फर्क नहीं पड़ता. अधिकांश विभागों में लूट मची है. अधिकारी रिश्वत के पैसे से अकूत संपत्ति अर्जित कर रहे और उसे सरकार की नजरों से छुपा ले रहे. बचने के लिए अधिकारी तरह-तरह के हथकंडे भी अपनाते हैं. किस तरह से रिश्वत का पैसा यानी काला धन सफेद हो जाय, इसके लिए वैसे अधिकारी दिन-रात लगे रहते हैं. धनकुबेर अधिकारी-इंजीनियर ऊपरी कमाई का पैसा फ्लैट या जमीन में लगाते हैं. फिर उस संपत्ति को कुछ दिनों बाद जानबूझ कर बिक्री कर देते हैं. कुछ माह बाद जिस संपत्ति की बिक्री करते हैं, उसमें सरकारी वैल्यू दो गुणा करा देते हैं. ताकी सरकार को बता सकें कि हमने इतने मूल्य की संपत्ति बेची है. इस तरह से बिक्री से आने वाले पैसे को व्हाइट बताने की कोशिश होती है.कहा जाता है न...चोर कुछ न कुछ सबूत छोड़ जाता है, वैसे ही इन अधिकारियों के साथ हो रहा. आज हम पथ निर्माण विभाग के एक कार्यपालक अभियंता के ब्लैक मनी को व्हाइट बनाने के खेल का खुलासा करेंगे. काले धन को सफेद बनाने में RCD के कार्यपालक अभियंता जो इन दिनों राजधानी में एडवाइजर के पद पर पदस्थापित हैं, उनकी संपत्ति का लेखा-जोखा बताते हैं.

RCD कार्यपालक अभियंता ने बचने की पूरी कोशिश की, फिर भी...    

पथ निर्माण विभाग में एक कार्यपालक अभियंता हैं. वर्तमान में अभी राजधानी में पदस्थापित हैं. कुछ समय पहले तक ये राजधानी से बाहर दक्षिण बिहार के एक पथ प्रमंडल में बतौर कार्यपालक अभियंता के पद पर पदस्थापित थे. अभी ये अपने से एक रैंक ऊपर वाले अधिकारी के कार्यालय में एडवाइजर के पद पर पदस्थापित हैं. खैर..अब आइए, इनके किए गए चालाकी पर. कुमार साहब नाम वाले कार्यपालक अभियंता ने अपनी पत्नी के नाम पर फरवरी 2022 में दानापुर के मुस्तफापुर इलाके में फ्लैट खरीदा. सरकारी रेट दिखाया... 2484000 रू. रजिस्ट्री में एरिया मिला 0.9397 स्कॉयर फीट. यहां तक को सबकुछ ठीक था. इसके बाद से असली खेल शुरू हुआ। अगले ही साल यानी 2023 में कार्यपालक अभियंता कुमार साहब  ने उक्त फ्लैट को बेच दिया. अपनी संपत्ति बेचना कोई अपराध नहीं. लेकिन यहां सबसे बड़ा आश्चर्य यह कि इन्होंने खऱीद किए सरकारी रेट से दो गुणा अधिक सरकारी दाम पर अपना फ्लैट बेचा. जबकि सरकार हर साल जमीन/फ्लैट के रेट में वृद्धि नहीं करती है. एक साल  में ही कार्यपालक अभियंता के फ्लैट का सरकारी मूल्य दो गुणा हो गया . ऐसे में सवाल उठेगा कि इन्होंने खरीदते समय कम कीमत दिखाकर सरकार को चूना लगाया, या फिर अधिक मूल्य में बिक्री दिखाकर सफेद धन दिखाने की कोशिश की. यह महत्वपूर्ण सवाल है. 

25 लाख का फ्लैट अगले साल 50 लाख सरकारी मूल्य पर बेच दिया 

अब जरा कार्यपालक अभियंता के 2023 वाली पूरी खबर पर आइए। कुमार साहब ने पत्नी के नाम पर 2022 में दानापुर के मुस्तफापुर इलाके में फ्लैट खरीदा था, उसे मई 2023 में बिक्री कर दिया. एक पति-पत्नी क्रेता के नाम  पर जमीन की रजिस्ट्री कर दी. कार्यपालक अभियंता ने 2023 में लगभग 2484000 रू सरकारी मूल्य पर  फ्लैट की खरीद की थी. उसे वह अगले साल सीधे दो गुणा से भी ज्यादा यानि 50 लाख रू में बेच दिया. यानी सरकारी वैल्यू से सीधे  दो गुणा ज्यादा. किसी संपत्ति का मार्केट मूल्य  भी एक साल में दो गुणा  बड़ी मुश्किल से होता है. यहां तो कार्यपालक अभियंता के फ्लैट का सरकारी मूल्य ही साल भर में ही दो गुणा हो गया. यह आश्चर्य है. आखिर इन्होंने ऐसा क्यों किया...इसकी तहकीकात की गई. तब पता चला कि यह तो काले धन को सफेद करने का पूरा खेल था. पूरी प्लानिंग के तहत पहले फ्लैट की खरीद की गई, अगले साल उसे दो गुणा सरकारी मूल्य पर बिक्री दिखाकर पचास लाख रू का धन सफेद किया गया. ताकि 2023 में ही लग्जरी महंगा  फ्लैट खरीदी जा सके. अगली खबर में बतायेंगे कि कार्यपालक अभियंता ने दो गुणा दाम पर संपत्ति की बिक्री की, उससे 2 हजार कम पर तुरंत एक फ्लैट खरीद लिया. अगली कड़ी में इस पर प्रमाण के साथ विस्तार से बतायेंगे. जानकारी के अनुसार पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता कुमार साहब का पैतृक घर चंपारण है. बता दें, कार्यपालक अभियंता के इस पूरे खेल का सबूत न्यूज4नेशन के पास आ गया है. 


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