बिहटा स्थित ईएसआईसी हॉस्पिटल को लेकर जमकर राजनीति हो रही है। जहां नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव 500 बिस्तरों वाले इस हॉस्पिटल को पूरी तरह से शुरू नहीं कर पाने को लेकर सरकार और राज्य के सांसदों पर जमकर हमलावर हैं। वहीं जिन डॉक्टरों को यहां पर ड्यूटी पर लगाई गई थी अब उन्हें भी वापस बुलाने का फरमान जारी कर दिया है। बताया गया कि यहां10 बिस्तरों वाले आईसीयू की जिम्मेदारी आईजीआईएमएस के विशेषज्ञ डॉक्टर संभाल रहे थे लेकिन सोमवार से वह ड्यूटी नहीं करेंगे। उन्हें वापस बुला लिया गया है। आर्मी मेडिकल कोर के जनरल राजपाल पुनिया ने इस मामले में वायुसेना को जानकारी दी है। डॉक्टरों के बुलाए जाने के फैसले के बाद माना जा रहा है कि ईएसआईसी हॉस्पिटल में समस्या और बढ़ सकती है।
सिर्फ 50 बिस्तरों पर ही चल रहा है काम
बिहटा के ईएसआईसी हॉस्पिटल में पिछले साल करना महामारी के दौरान 500 बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी लेकिन इस बार संक्रमितों की संख्या कई गुना अधिक है इसके बाद भी यहां पर सिर्फ 50 बेड ही कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मामले को लेकर बीते शनिवार बैठक भी आयोजित की गई थी जिसमें यह फैसला लिया गया कि फिलहाल 50 बिस्तरों के साथ ही अस्पताल में काम किया जाएगा। इसका मुख्य कारण यहां डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ का नहीं होना है। सारी सुविधाओं से युक्त होने के बाद भी यह अस्पताल महामारी में मरीजों के लिए पूरी तरह से उपलब्ध नहीं हो पा रही है। राज्य सरकार यहा अब तक किसी डॉक्टर की नियुक्ति नहीं कर सकी है। यह उनकी सबसे बड़ी नाकामी है।
चौंकाने वाली बात है कि बीते 10 अप्रैल को पटना के डीएम ने ईएसआईसी हॉस्पिटल में 100 बिस्तरों के उस शुरू करने की बात कही थी लेकिन ईएसआईसी हॉस्पिटल के डीन सौम्या चक्रवर्ती ने इसे 50 बैठकर कर दिया। आज लगभग 15 दिन बाद ही स्थिति यह है कि यहां 50 बेडरूम की सुविधा के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो पा रही है जिसका मुख्य कारण डॉक्टरों की कमी बताई जा रही है। मांग की जा रही है कि राज्य सरकार यहां पर डॉक्टर उपलब्ध कराएं और स्टाफ उपलब्ध कराए तो 500 बिस्तरों की सुविधा मिल सकती है