PATNA CITY: शारदीय नवरात्रि का समापन कल देर रात मां दुर्गा की विदाई के साथ संपन्न हुआ। इस मौके पर राजधानी पटना के मारूफगंज स्थित बड़ी देवी जी औऱ महारजगंज स्थित छोटी देवी जी का भी विधि-विधान से विसर्जन किया गया। इनकी अंतिम झलक पाने के लिए पूरा पटना और बाहर से आए भक्त सड़क किनारे खड़े रहते हैं और नम आंखों से मां को विदा करते हैं।
इसके अलावा बड़ी देवी जी के विसर्जन के दौरान एक और परंपरा का पालन किया जाता है, वह है खोइछा मिलन का। मान्यता है कि मारूफगंज स्थित बड़ी देवी बड़ी बहन हैं जबकि महाराजगंज देवी छोटी बहन हैं। विजयदशमी के दिन पटनासिटी के बेलवरगंज में मारूफगंज देवी और महाराजगंज देवी का खोइछा मिलन होता है। यहां पर दोनों देवियां जुटती हैं। उनके खोइछा की अदला-बदली होती है। यह दृश्य अत्यंत ही अलौकिक होता है और इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। कहाजाता है कि यह दृश्य देखना सबके सौभाग्य में नहीं होता। जो लोग इस दृश्य को देख पाते हैं वह अपने आप को बहुत ही सौभाग्यशाली मानते हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार की रात पटना सिटी स्थित मारूफगंज देवी और महाराजगंज देवी का खोइछा मिलान हुआ। जिसमें हज़ारों लोग जुटे।
हजारों भक्तों की भीड़, माता रानी के जयकारे और शंख मृदंग की ध्वनि के साथ मंत्रोच्चार, माहौल को भक्तिभाव से ओत-प्रोत कर रहा था। इस दृश्य को जेहन में कैद करने के लिए पहले से ही बेलवरगंज में भारी भीड़ जमा थी। पहले मिलन स्थल पर छोटी बहन अपनी बड़ी बहन का इंतजार करती हैं। जिसके बाद रात में बड़ी देवी जी वहां पहुंचती हैं और फिर दोनों को आमने-सामने रखकर वैदिक मंत्रोच्चार, शंख ध्वनि के साथ विधि-विधान से खोइछा की अदला-बदली की जाती है। इसके पश्चात दोनों बहनों की आरती और नजर उतारकर पहले बड़ी बहन और उनके पीछे छोटी बहन को विदा किया जाता है।