Kishanganj : जोदि तोर दक शुने केऊ ना ऐसे तबे एकला चलो रे" एकला चलो रे" (যদি তোর ডাক শুনে কেউ না আসে তবে একলা চলো রে ) यदि आपकी बात का कोई उत्तर नहीं देता है, तब अपने ही तरिके से अकेले चलो" रविन्द्र नाथ टैगोर के कहे हुए गीत पर अब टेढ़ागाछ के युवा चल पड़े हैं। मामला जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र के झुनकी मुशायरा गांव है। जहां गरीब बेबश लाचार लोगों की दर्द ने युवाओं की दिल मे जोश पैदा किया और युवाओं ने ठान लिया कि गरीब परिवार के लिए टेढ़ागाछ से फ्री एम्बुलेंस सेवा चालू करनी है।
दरअसल, यह प्रखंड जिला मुख्यालय से दूर और पिछड़ा हुआ है। यहां बड़ी बीमारी या आकस्मिक दुर्घटना हो जाने पर जिला मुख्यालय या पूर्णिया या पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी जाने की जरूरत आन पड़ती है लेकिन गरीब परिवार के पास पैसा नही होने के कारण या सही समय पर इलाज नहीं होने के कारण लोगों की जान तक चली जाती है। इसलिए युवाओं ने मीटिंग कर फ्री एम्बुलेंस सेवा करने का निर्णय लिया। लेकिन इसके लिए पैसे की जरूरत होती है। युवाओं ने आपस मे चन्दा कर कुछ पैसे इकट्ठा कर लिया और सोशल मीडिया पर इस खबर की वायरल कर दिया।
युवाओं की कोशिश को मिलने लगा फायदा
सोशल मीडियो में फ्री एबुंलेंस के लिए सहायत का मांग का फायदा भी मिलने लगा। जिसके बाद वहा के स्थानीय जनप्रतिनिधियों, गणमान्य लोग भी इस मुहिम में जुड़े पैसे दान कर एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं। यहां झुनकी मुशायरा युवा शाहआलम अधिक स क्रिय देख रहे है उन्होंने बताया कि हम तीन चार दिन में 35-40 हजार चन्दा कर लिए हैं पैसे होते ही हमलोग एम्बुलेंस लेकर लोगों की सेवा में दे देंगे और उन्होने लोगों से मदद की भी अपील किया है इसके साथ हाफिज अशरफ, महेश ठाकुर, मंजर आलम, अबूतलहा भी इस नेक काम में साथ दे रहे हैं।