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BIHAR NEWS: राजद का आरोप: सरकार का तुगलकी फरमान- निगरानी जांच के नाम पर शिक्षकों को प्रताड़ित करना चाहता है शिक्षा विभाग

BIHAR NEWS: राजद का आरोप: सरकार का तुगलकी फरमान- निगरानी जांच के नाम पर शिक्षकों को प्रताड़ित करना चाहता है शिक्षा विभाग

पटना: राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि सरकार नियोजित शिक्षकों को जांच के नाम पर प्रताड़ित कर रही है साथ ही उन्होंने नियोजित शिक्षकों से मेधासूची की मांग किये जाने पर कड़ी आपत्ति जतायी है।  

ज्ञात हो कि उच्च न्यायालय पटना के निर्देश के आलोक में विगत चार वर्षों से पंचायती राज एवं नगर निकाय संस्थानों के अंतर्गत नियुक्त शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की निगरानी जांच चलायी जा रही है। जिसमें सभी शिक्षकों ने अपना शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्र शिक्षा विभाग में जमा किया है परंतु प्राथमिक शिक्षा निदेशालय पटना के द्वारा राज्य के करीब नब्बे हजार शिक्षकों को अपना शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्र तथा मेधा सूची निगरानी विभाग के वेब पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है। यह भी कहा गया है कि जो शिक्षक वांछित प्रमाण-पत्र एवं मेधा सूची जमा नहीं करेंगे, उन्हें नौकरी से हटा दिया जाएगा। जबकि शिक्षकों के पास सिर्फ शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्र  तथा नियोजन पत्र ही उपलब्ध है। मेधा सूची एवं नियुक्ति संबंधी अन्य अभिलेख नियोजन इकाई और शिक्षा विभाग के पास ही रहता है। ऐसी स्थिति में कोई शिक्षक मेधा सूची एवं अन्य अभिलेख निगरानी के वेब पोर्टल पर कैसे अपलोड कर सकेंगे ? 

विभाग द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित सभी अभिलेखों को सुरक्षित रखने का दायित्व नियोजन इकाई को ही दिया गया है। फिर शिक्षकों से नियोजन संबंधी अभिलेखों की मांग कर विभाग शिक्षकों को प्रताड़ित कर रही है। विभाग का यह रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है तथा शिक्षकों को परेशान करने की बड़ी साजिश है। सरकार शिक्षकों के द्वारा मेधा सूची एवं अन्य अभिलेख निगरानी के वेब पोर्टल पर जमा करने के विभागीय आदेश को वापस लें। इतना ही नहीं जो शिक्षक निगरानी जांच के लिए अपना शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण-पत्र विभाग में जमा किए हैं तथा जो नियोजन इकाई ने मेधा सूची एवं अन्य अभिलेख भी विभाग में जमा किए हैं उन्हें भी अप्राप्त के श्रेणी में रखा गया है। निगरानी विभाग में इतनी बड़ी संख्या में प्रमाण पत्र एवं मेधा सूची जमा नहीं होना विभाग की घोर लापरवाही  है। सरकार को इसकी जांच करानी चाहिए तथा ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिये। सरकार शिक्षकों से मेधासूची मांग किये जाने के आदेश को वापस लें अन्यथा राष्ट्रीय जनता दल नियोजित शिक्षकों के हित में आन्दोलन करने को विवश होगा।


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