KATIHAR: बिहार के 26 जिले इस वक्त बाढ़ प्रभावित हैं। दिन-ब-दिन स्थिति बद से बद्तर होती जा रही है। भले ही नदियों का जलस्तर कम हो रहा है, मगर हालात नियंत्रण के बाहर ही है। बात की जाए कटिहार की, तो वहां की जनता अब भी त्राहि-त्राहि कर रही है। दूर-दराज के इलाके आज भी प्रशासनिक मदद से कोसों दूर हैं।
अबतक प्रशासन ने नहीं दी नाव
प्राणपुर विधानसभा के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात है। इस बीच लोगों के लिए सबसे बड़ा परेशानी आवागमन की है। खास कर जब कोई बीमार पड़ जाता है तो अस्पताल तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है। कास्थहावर गांव से एक ऐसी तस्वीर सामने आयी जो बाढ़ के हालात में सरकारी व्यवस्था की सच बयां करने के लिए काफी है। मासूम अशफाक को बीमार पड़ने पर परिजनों को जब नाव का सहारा नहीं मिला तो ग्रामीणों के मदद से खटिया के सहारे उन्हें पानी के बीच से इलाज के लिए निकाला गया।
स्थानीयों ने प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोला
गांव के स्थानीय प्रशसान के इस रवैये से काफी खफा हैं। उनका सीधे तौर पर कहना है कि यदि बच्चे को कुछ भी होता है, तो उसका जिम्मेवार प्रशासन होगा। मो. रफीक ने कई कॉल सीओ को किए, मगर उन्होनें बात करना जरूरी नहीं समझा। एक बार उन्होनें तस्वीरें भी मांगी। बाढ़ग्रस्त इलाकों की तस्वीरें देखने के बावजूद उन्होनें मदद नहीं पहुंचाई।
सरकार कहती है- पूरा है राहत औऱ बचाव कार्य
वहीं दूसरी तरफ कटिहार जिला प्रशासन की बात की जाए तो जिलाधिकारी उदयन सिंह का लगातार कहना है कि बाढ़ राहत और बचाव की तैयारी प्रशासनिक स्तर से पूरी की गई है। लगातार लोगों को सूखा राशन सहित तमाम तरह की मदद मुहैया कराई जा रही है। अब इसमें सच्चाई क्या है, लोगों तक असल में कितनी मदद पहुंची है, इसका जवाब देना फिलहाल मुश्किल है।