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BIHAR NEWS: एक दफा भी नहीं खुला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का ताला, मजबूरी का फायदा उठाकर झोलाछाप डॉक्टर काट रहे चांदी

BIHAR NEWS: एक दफा भी नहीं खुला हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का ताला, मजबूरी का फायदा उठाकर झोलाछाप डॉक्टर काट रहे चांदी

MOTIHARI: स्वास्थ्य विभाग भले ही जनता को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराने का लाख दावा कर लें, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही कहानी बयां कर रही है। आम लोगों को ग्रामीण स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने के लिए पूरे तामझाम के साथ जिलों में कई स्थानों पर हेल्थ वेलनेस सेंटर खोला गया। स्वस्थ्य सेवाओं के बड़े-बड़े बोर्ड लगाए गए। डाक्टर, एएनएम सहित पैथोलॉजी की व्यवस्था भी की गई। फीता काटकर उद्घाटन भी हुआ। उद्घाटन के बाद यहां ताला लगा दिया गया, जो आज तक लगा ही हुआ है।

मोतिहारी जिला के सुगैली प्रखंड के भटहा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का यह मामला बताया जा रहा है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुले हुए तीन वर्ष हो गए लेकिन आसपास के लोग इलाज सहित अन्य सुविधाओं के लिए आज भी तरस रहे हैं। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के खुद बीमार होने की स्थिति में आसपास के लोग झोलाछाप डॉक्टरों की शरण में जाने को मजबूर हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा फायदा इन्हीं डॉक्टरों को हो रहा है। जो मरीजों के इलाज करने के नाम पर जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।

साल 2018 में हुई थी शुरूआत

सुगौली प्रखंड के भटहा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को वर्ष 2018 में आयुष्मान भारत के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाया गया। जो उद्घाटन के बाद से ही बंद पड़ा है। मरीज आते हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं आते। केंद्र पर सोमवार और गुरुवार को एएनएम चंचल कुमारी पहुंचती है। जो टीकाकरण के बाद लौट जाती है। एपीएचसी में वेलनेस सेंटर चालू होने के बाद भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की घोषणा कागजों तक सिमट कर रह गई है। वेलनेस सेंटर खुलने पर मरीजों के लिए डायबिटीज, जांच व अन्य चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना था, परन्तु तीन वर्ष बाद भी इस सेंटर पर मरीजों को सुविधाएं नसीब नहीं हो रही है।


2 MBBS डॉक्टर की तैनाती, मगर कभी आए ही नहीं

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की लचर व्यवस्था से परेशान लोग इलाज के लिए निजी चिकित्सक पर निर्भर है। कई बार उन्हें झोलाछाप डॉक्टरों का भी सहारा लेना पड़ता है। अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं की लंबी लिस्ट लगी है। चिकित्सकों के नाम पर यहां दो एमबीबीएस डॉ.आकांक्षा भारती व डॉ. प्रभुनाथ राम कार्यरत है। जो कभी आते ही नहीं। इसके अलावा स्वास्थ्य प्रशिक्षक नीलेश झा और दो परिचारी मधुसूदन श्रीवास्तव व अरबिंद मिश्रा नियुक्त है। बावजूद यहां ताला लटक गया है।

वर्षों से फरार परिचारी भी हैं पदस्थापित

ग्रामीणों ने बताया कि मरीज को लेकर बुधवार को 11:30 बजे पहुंचे तो हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर को बंद पाया। पुनः शुक्रवार व शनिवार को  क्रमशः 12 व 1 बजे पहुंचे तो भी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बंद पाया गया। हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर रघुनाथपुर से वर्षों से फरार रहने वाले परिचारी मधुसूदन श्रीवास्तव पर सिविल सर्जन मोतिहारी के द्वारा स्पष्टीकरण निकालने के बाद उनके वेतन को अवरुद्ध कर दिया गया था। जिसके बाद बिना किसी कार्रवाई के गोपनीय तरीके से उनको हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर भटहा में पदस्थापित कर दिया गया है। यहां भी वे लगातार नदारद रहते है.

क्या कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर में पदस्थापित हैं डॉ प्रभुनाथ राम, डॉ आकांक्षा भारती, एएनएम चंचल कुमारी, स्वास्थ्य प्रशिक्षक निलेश झा, परिचारी मधुसूदन श्रीवास्तव व अरविंद मिश्रा। इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नीतेश ध्वज सिंह ने बताया कि हाल ही में उनकी पदस्थापना हुई है मामले की जानकारी की जा रही है। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

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