खगड़िया। 108 दिन पहले नागालैंड के एक तेल कंपनी में काम करने वाले बिहार के इंजिनियर राम कुमार को उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) ने रिहा कर दिया है। असम राइफल्स की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि बिहार के निवासी राम कुमार को 108 दिनों के बाद म्यांमार की तरफ लुंगवा गांव में रिहा किया गया। मोन जिले के लुंगवा गांव में असम राइफल्स के सीमा गश्ती दल ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। बताया जा रहा है कि इंजिनियर अगले तीन चार दिनों में अपने घर लौट आएंगे। वहीं उनकी रिहाई के बाद परिवार में खुशी का माहौल है।
28 वर्षीय राम कुमार खगड़िया के औलौली थाना क्षेत्र स्थित बहादुरपुर के मूल निवासी हैं। पिछले साल 21 दिसंबर को क्विप्पो ऑयल एंड गैस इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के कर्मी प्रणब कुमार गोगोई और राम कुमार को उल्फा (आई) और एनएससीएन (के) के उग्रवादियों ने अरूणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले के इन्नावो से अपहरण कर लिया था। प्रणब कुमार को 3 अप्रैल को मुक्त कर दिया गया था। कंपनी में राम कुमार रेडियो ऑपरेटर का काम करते थे।
मांगी थी 20 करोड़ की फिरौती
राम कुमार के अपहरण के बाद उनके परिजनों ने बिहार सरकार से उनके रिहाई की गुहार लगाई थी। राम कुमार की पत्नी ने बताया कि उन्हें पहले पता चला कि उग्रवादियों ने उनके पति की सुरक्षित रिहाई के लिए 20 करोड़ रुपये की मांग की थी। इस बीच उल्फा ने राम कुमार को रिहा कर दिया है। चांगलांग के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) देवांश यादव ने बताया कि राम कुमार को नागालैंड के मोन जिले में तजीत थाना क्षेत्र के तहत एक स्थान पर मुक्त किया गया था। पुलिस टीम राम कुमार से पूछताछ करेगी और सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद उन्हें मंगलवार को घर भेज दिया जाएगा।
मांगों को माने पर अभी कुछ स्पष्ट नहीं
देवांश यादव ने कहा कि राम कुमार और गोगोई को विद्रोहियों ने अलग स्थानों पर रखा था। यह पूछने पर कि क्या उग्रवादियों की मांग पूरी हुई, उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश पुलिस की एक विशेष जांच टीम अपहरण मामले को संभाल रही है। वही इस बारे में स्पष्ट तौर पर कुछ बता सकेगी। इस बीच खगड़िया के डीएम ने पुष्टि की है कि राम कुमार को छोड़ दिया गया है।