BETTIAH: बिहार में कोरोना वैक्सीनेशन का अभियान जोरों पर है। कुछ दिनों पहले तक बिहार 18 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को टीका लगाने में पूरे देश में नंबर वन पर था। हालांकि यह केवल शहरों के आंकड़े हैं। गांव में अब भी जागरूकता की कमी के वजह से लोग टीका लेने से डर रहे हैं। जिस वजह से गांव में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन अभी चुनौती बना हुआ है। बेतिया के सेमराघाट और धोकरहा हरिजन टोली में ग्रामीणों ने टीका लेने से इनकार कर दिया, तो समझाने के लिए डीएम खुद इनके गांव तक आ गए।
मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में टीकाकरण से इनकार पर डीएम कुंदन कुमार हरकत में आये और मध्य विधालय धोकरहा तथा उत्क्रमित मध्य विद्यालय सेमरा घाट में टीका स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने धोकरहा के हरिजन टोली और सेमराघाट के वार्ड 2 में डोर टू डोर लोगों को टीकाकरण के लिये प्रेरित किया। डीएम के समझाने का बड़ा असर पड़ा और टीकाकरण शुरू हुआ। बताते चलें कि सेमराघाट में डॉ. लुकमान की टीम टीकाकरण के लिये सुबह में ही पहुंच गयी। कोई भी ग्रामीण टीकाकरण स्थल पर टीका के लिये नही पहुंचे। डॉ लुकमान ने इसकी सूचना मझौलिया पीएचसी प्रभारी डॉ. सलाम को दी। आनन फानन में प्रभारी हेल्थ मैनेजर कुमार विशाल के साथ पहुंचे, परंतु इनके समझाने बुझाने का कोई असर नही पड़ा।
बाद में सिविल सर्जन को इसकी जानकारी दी गई। जब बात नही बनी तो डीएम खुद आ गये। डीएम कुंदन कुमार के आने के बाद ग्रामीण हरक्क्त में आये तब जाकर टीकाकरण शुरू किया गया। डीएम की समझाइश और मौजूदगी की वजह से बड़ी संख्या में महिलाएं भी टीकाकरण के लिए पहुंची और कोरोना कवच में खुद को बांध लिया।