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हर्ष फायरिंग करने वालों पर कसा बिहार पुलिस का शिकंजा, खुशियों को मातम में बदलने वालों पर चल रहा जोरदार डंडा, मौतों में आई 50 फीसदी की कमी

हर्ष फायरिंग करने वालों पर कसा बिहार पुलिस का शिकंजा, खुशियों को मातम में बदलने वालों पर चल रहा जोरदार डंडा, मौतों में आई 50 फीसदी की कमी

पटना. बिहार में शादी समारोहों में अक्सर हर्ष फायरिंग की घटनाएं खुशियों के मातम में बदलने का कारण बनती है. लेकिन बिहार पुलिस की पहल से राज्य में हर्ष फायरिंग की घटनाओं पर बड़े स्तर पर अंकुश लग रहे हैं. पुलिस की सख्ती, सक्रियता और लोगों को जागरूक करने की पहल का नतीजा है कि राज्य में हर्ष फायरिंग से होने वाली मौतों के मामले में 50 फीसदी तक कि कमी आई है. हर्ष फायरिंग (Celebratory gunfire) शादी-विवाह समेत अन्य शुभ अवसरों पर लोगों द्वारा की जाती है। उत्साह में की गई हर्ष फायरिंग कभी किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण तो कभी किसी के घायल होने का कारण बन जाती है. हर्ष फायरिंग/हवाई फायरिंग/हथियार प्रदर्शन की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी एवं इससे होनेवाले नुकसान को नियंत्रित करने के लिए शस्त्र (संशोधन) अधिनियम 2019 लाया गया। इस अधिनियम के तहत ऐसे कृत्य करने वालों को दो वर्ष की जेल या 1 लाख रुपए तक का जुर्माना या फिर कारावास की सजा के साथ-साथ जुर्माना लगाया जा सकता है। 

हर्ष फायरिंग पर अंकुश लगाने हेतु बिहार पुलिस द्वारा किए गए प्रयास में बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा हर्ष फायरिंग की घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए माह जून 2023 में स्थायी आदेश के माध्यम से सभी जिलों को ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है। मुख्यालय द्वारा सभी जिलों को प्रत्येक थाना क्षेत्र के सभी शस्त्र लाइसेंस के साथ-साथ शस्त्रों, लाइसेंसधारकों एवं प्रतिधारकों (रिटेनर) का नियमित रूप से वार्षिक सत्यापन (वेरिफिकेशन) करने का निर्देश दिया गया है। वैवाहिक, सांस्कृतिक, आर्केस्ट्रा एवं इस प्रकार के अन्य कार्यक्रमों के आयोजन से जुड़ी जानकारी प्रत्येक थाने को कार्यक्रम से पहले ही आयोजकों द्वारा देने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही इन जगहों पर CCTV कैमरे की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया है, जहाँ से हरेक गतिविधि को स्पष्ट तरीके से रिकॉर्ड किया जा सके।

वहीं बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा हर्ष फायरिंग की रोकथाम हेतु सभी थानाध्यक्षों को आयोजनकर्ताओं से हर्ष फायरिंग से जुड़े घोषणा पत्र को भरवाने के लिए निर्देश दिया गया है। शादी-विवाह समारोह स्थल, मैरेज हॉल, कम्युनिटी सेंटर, होटल के मैनेजर और मालिकों को कार्यक्रम स्थल पर हर्ष फायरिंग के मामले में होने वाली कानूनी कार्रवाई से जुड़ी जानकारी नोटिस के रूप में लगाने के लिए निर्देशित किया गया है। सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि वैसे समारोह जिनमें हर्ष फायरिंग की आशंका हो, उसकी सूचना पूर्व में ही चौकीदारों द्वारा मिल जानी चाहिए। जहाँ पर पहले से ही हर्ष फायरिंग से कोई घटना होने की आशंका हो, वहाँ पर पुलिस बल को तैनात करने के साथ-साथ कार्यक्रम की वीडियोग्राफी कराने के लिए निर्देश दिया गया है। साथ ही उन जगहों पर धारा-144 के अंतर्गत हथियारों के रखने या ले जाने पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

हर्ष फायरिंग मृत्यु और घायलों की संख्या में 50% की कमी : 

- बिहार में जून 2022 से मई 2023 के बीच हर्ष फायरिंग में होने वाली मृत्यु और घायलों की संख्या 58 थी, जबकि जून 2023 से मई 2024 के बीच इसकी संख्या 29 रही। इस प्रकार मृतकों और घायलों की संख्या में लगभग 50 प्रतिशत की कमी आई है।

- प्रदेश में जून 2022 से मई 2023 के बीच हर्ष फायरिंग से जुड़े कुल 106 मामले दर्ज हुए, जबकि जून 2023 से मई 2024 के बीच हर्ष फायरिंग से जुड़े 70 मामले सामने आए। इस प्रकार हर्ष फायरिंग के 34 प्रतिशत कम मामले दर्ज हुए हैं।

- हर्ष फायरिंग में होने वाली गिरफ्तारी की बात की जाए, तो जून 2022 से मई 2023 के बीच प्रदेश भर में 132 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। जबकि, जून 2023 से मई 2024 के बीच 72 लोगों की गिरफ्तारी हुई। घटनाओं में लगातार आ रही कमी के कारण गिरफ्‌तारियों में लगभग 45 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।

 इस वर्ष  29 जिलों में हर्ष फायरिंग से जुड़ी घटनाएं शून्य: 

- वर्ष 2023 में राज्य के कुल 40 जिलों में से 17 जिले ऐसे रहे जहां हर्ष फायरिंग से जुड़े एक भी मामले नहीं आए, और वर्ष 2024 के जनवरी से मई माह तक ऐसे 25 जिले सामने आए जहां हर्ष फायरिंग की घटनाएं शून्य हैं।

- वर्ष 2023 में गया और भोजपुर जिले में अधिकतम 11 मामले दर्ज किए गए थे तो वहीं वर्ष 2024 के जनवरी से मई माह तक गया जिले में 1 मामला और भोजपुर जिले में 2 मामले दर्ज किए गए हैं तथा पटना एवं नालंदा जिले में अधिकतम क्रमशः 5 और 4 मामले दर्ज किए गए हैं।

- हर्ष फायरिंग के मामलों में वर्ष 2023 के जनवरी से वर्ष 2024 के मई माह तक कुल 132 व्यक्तियों को गिरफ्तार कर विधिसम्मत कार्रवाई की गई।

बिहार पुलिस सोशल मीडिया सेंटर ले रहा त्वरित एक्शन:

- सोशल मीडिया पर दहशत और अपनी दबंगई दिखाने के उद्देश्य से युवाओं द्वारा रील/वीडियो के माध्यम से अवैध हथियार का प्रदर्शन किया जाता है जो कि एक दंडनीय अपराध है।

- बिहार पुलिस के सोशल मीडिया सेंटर द्वारा सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो/पोस्ट/रील को चिन्हित कर तत्क्षण विधिसम्मत कार्रवाई के लिए संबंधित जिले को प्रेषित करती है। बीते 3 माह में सिवान, गोपालगंज और सहरसा जिले में हथियार प्रदर्शन कर सोशल मीडिया पर दहशत फैलाने वाले 3 व्यक्तियों के विरुद्ध कांड दर्ज कर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की गई और अन्य मामले संज्ञान में हैं।

- बिहार पुलिस के द्वारा सोशल मीडिया पर हर्ष फायरिंग के विरुद्ध लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से निरंतर जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इनमें Graphics, videos, Motion, Graphics, memes और अन्य प्रस्तुतीकरण भी शामिल हैं.

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