बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

BIHAR POLITICS: लोजपा में टूट से खुश हैं कटिहार सांसद, कहा- सफल हुई रणनीति, मार्च से ही जारी थी गुफ्तगू

BIHAR POLITICS: लोजपा में टूट से खुश हैं कटिहार सांसद, कहा- सफल हुई रणनीति, मार्च से ही जारी थी गुफ्तगू

KATIHAR: रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी टूट गई है। बेटे चिराग पासवान अब अकेले हो गये हैं। चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ 6 मे 5 सांसद चले गये हैं। पांचों सांसदों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को सभी पदों से हटा दिया है और चाचा पशुपति कुमार पारस को अपना नेता चुन लिया है। उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ संसदीय दल के नेता का जिम्मा भी सौंपा गया है। इन सब के बीच सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी ने खुशी जाहिर कर कहा है कि अच्छे परिणाम आने से वह बेहद खुश हैं।

लोजपा में टूट की कहानी की पटकथा रचने वाले शख्स हैं कटिहार जदयू सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी। इसमें उन्होनें महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। यह टूट जो हुई वह अचानक नहीं हुई है। इसकी कहानी दरअसल मार्च के महीने में ही शुरू हो गई थी। संसद भवन के गलियारे में कटिहार सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी की तरफ से ही पशुपतिनाथ पारस, वीणा देवी, चौधरी महबूब अली कैसर से निजी तौर पर बातचीत शुरू हुई। अब इस कहानी को सफल मुकाम तक पहुंचाने के बाद कटिहार सांसद अपनी रणनीति में सफल होने से बेहद खुश हैं। लोजपा के ताजा हालात और पशुपतिनाथ पारस के साथ अन्य सांसदों की जदयू के दामन थामने की संभावना पर सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी ने कहा कि उनके द्वारा पहल के अच्छे परिणाम आने से वह बेहद खुश है।

इस मौके पर सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद ही लोजपा को बिहार की जनता ने नकारा। चिराग अपने सांसदो और नेताओं के प्रति व्यवहार साफ झलक रहा था। पारस जी अगर विस चुनाव से पहले यह निर्णय करते तो बिहार और देश की राजनीति का मिजाज कुछ औऱ ही होता। खैर अब भी ज्यादा देर नहीं हुई है। लोजपा सांसदों से हमारी जो भी बातचीत हुई, वह बेहद निजी और गोपनीय है। हालांकि इसके परिणाम अब जगजाहिर हो चुके हैं। राजनीति में जो आदमी मेहनत करता है, उसका सम्मान होना चाहिए। जब लोगों को लगता है कि हमको अपने घर में सम्मान नहीं मिल रहा है और हमारे काम बेकार जा रहे हैं, ऐसी स्थिति में इस तरह का निर्णय लेना ही उचित है। उन्होंने जो निर्णय लिया, उसका हम लोग स्वागत करते हैं।

Suggested News