बिहार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है सीएम नीतीश का सात निश्चय... चिराग पासवान ने लगाया गंभीर आरोप, दे दी बड़ी चुनौती

पटना. बिहार की सूरत को बदलने के मकसद से वर्ष 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चय योजना की शुरुआत की थी. लेकिन अब उनके सात निश्चय को ही बिहार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया जा रहा है. सात निश्चय को लेकर यह बड़ा आरोप लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने लगाया है. उन्होंने सोमवार को सीएम नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि सात निश्चय योजना बिहार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है. विजन के नाम पर मुख्यमंत्री ने सात निश्चय योजना चलाया लेकिन बिहार में सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी योजना मुख्यमंत्री का सात निश्चय योजना ही है. 

वहीं इंडिया का संयोजक नहीं बनने नीतीश के बयान पर चिराग पासवान ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि INDIA का ही कुछ नहीं होने वाला है. INDIA का जो तथाकथित गठबंधन है इसमें इन्होंने देश का नाम अपनी राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का काम कर रहे है. इस गठबंधन का कुछ नहीं होगा. गठबंधन में सिर्फ विरोधाभाष दिख रहा है. जिस गठबंधन की नीति नहीं उस गठबंधन को जनता स्वीकार नही करेंगी. 

चिराग ने नीतीश को चैलेंज देते हुए कहा कि अगर नीतीश कुमार को हिम्मत है तो बिहार के किसी भी सीट से चुनाव लड़ कर दिखा दें. इन्हें बिहार की जनता नकार चुकी है इसलिए ये लोग बाहर जगह तलाश रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार के युवा केंद्र की सत्ता पलटने वाले रहे हैं. 2014 में भी बिहार के युवाओं का इसमें बहुत बड़ा योगदान था. तब भी केंद्र की नई सरकार को बनाने में बिहार ने अहम भूमिका निभाई थी. अब एक बार फिर अगले चुनाव में बिहार अपने महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. 

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उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में जिस तरह 40 में 39 सीट जीतकर एनडीए सबसे बड़े गठबंधन के रूप में सफल रहा था आने वाले चुनाव में एनडीए का प्रदर्शन और बेहतर होगा. एक सीट की भी कसर इस बार नहीं होगी. हमलोग 40 में से 40 सीट जीतेंगे.