8 माह से मालखाने में कैद है बिहार की इकलौती 150 साल पुरानी धूप घड़ी, चोरी होने के बाद अब तक नहीं किया व्यवस्थित

8 माह से मालखाने में कैद है बिहार की इकलौती 150 साल पुरानी धूप घड़ी, चोरी होने के बाद अब तक नहीं किया व्यवस्थित

DEHRI : बिहार के ऐतिहासिक चीजों को सहेजने को लेकर सरकार और प्रशासन कितनी गंभीर है। यह रोहतास जिले के डेहरी स्थित प्राचीन धूप घड़ी की स्थिति को देखकर समझा जा सकता है। लगभग 150 साल पुरानी बिहार में अपनी तरह की इस इकलौती घड़ी को इस साल के शुरूआत में चुरा लिया गया था, लोगों के दवाब में पुलिस ने दो दिन में इसे वापस बरामद कर लिया। लेकिन धूप घड़ी को अब तक वापस उसकी पुरानी जगह पर व्यवस्थित नहीं किया जा सका है। वर्तमान में धूप घड़ी का चोरी हुआ हिस्सा पुलिस विभाग के मालखाने में पड़ा है।

8 फरवरी को हुई थी चोरी की घटना

सोन नदी के किनारे बनाए गए इस धूप घड़ी के प्लेट को इस साल 8 फरवरी को पास के मोहल्ले ने चुरा लिया था। जिसके बाद न सिर्फ स्थानीय स्तर पर, बल्कि बिहार सरकार ने भी इस जल्द बरामद करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद अलग टीम बनाकर धूप घड़ी प्लेट की बरामदगी की गई। लेकिन उसे दोबारा उस जगह पर नहीं लगाया गया। बताया गया कि वहां पर यह सुरक्षित नहीं है। पहले इसके सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे, ताकि फिर उसे चुराया नहीं जा सके। लेकिन अब तक इसको लेकर कोई कदम प्रशासन की तरफ से नहीं उठाया गया

वर्तमान में स्थिति यह है कि धूप घड़ी का चबूतरा तो है, लेकिन पास में बने बाउंड्री जर्जर हो चुकी है। साथ ही चारों तरफ झाड़ियां भी उग गई है। लोगों की मांग है कि शहर के इस ऐतिहासिक चीज को जल्द से जल्द फिर से पुरानी जगह पर स्थापित किया जाए।

1871 ई. में ब्रिटिश सरकार द्वारा स्थापित धूप घड़ी को स्थापित किया गया था। प्राचीन धूप घड़ी, सूर्य की रोशनी से चलता था। जो बिल्कुल सही नजर आता था।

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