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बिहार से ‘छोटी माताजी’को खत्म करने की तैयारी, 15 जनवरी से बड़े स्तर पर अभियान की शुरुआत

बिहार से ‘छोटी माताजी’को खत्म करने की तैयारी, 15 जनवरी से बड़े स्तर पर अभियान की शुरुआत

PATNA : अब बिहार से छोटी मातीजी का होगा खात्मा क्योंकि सरकार 15 जनवरी से बड़े स्तर पर अभियान की शुरुआत करने जा रही है। बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में खसरा को छोटी माताजी के नाम से जाना जाता है। इस रोग के होने पर लोग दवा की बजाए पूजा-पाठ में विश्वास करते हैं। अब स्वास्थ्य विभाग माताजी को खत्म करने को लेकर व्यापक अभियान शुरू करने जा रही है। माताजी यानी खसरा और रूबेला को लेकर 15 जनवरी, 2019 से लेकर अगले 5 हफ्ते तक टीकाकरण अभियान चलेगा। 

इस अभियान में 9 माह से लेकर 15 साल तक के 4 करोड़ बच्चों को टीका दिया जायेगा। दरअसल बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में अबतक यह मान्यता रही है कि खसरा जिसे माताजी कहा जाता है उसमें मरीज को दवा नहीं दी जाती है। स्वास्थ्य महकमा इस भ्रांति को मिटाने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है। ताकी लोग इसके दुष्परिणाम के बारे में जान सकें।

साथ ही लोगों के बीच में यह भ्रांति भी दूर हो कि यह कोई दैवीय प्रकोप नहीं है। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए जीविका दीदीयों की भी मदद ले रही है ताकि ग्रामीण महिलाओं को जागरुक किया जा सके और इस चीज को लेकर समाज में जो भ्रांति फैली है, उसको भी दूर किया जा सके।  

पटना मे आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक लोकेश कुमार सिंह ने लोगों से आह्वान किया है कि खसरा के खात्मे को लेकर वे लोग आगे आएं ताकि इसे खत्म किया जा सके। उन्होंने बताया कि 15 जनवरी को बड़े स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। 

यूनिसेफ कर रही मदद

यूनिसेफ बिहार के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. हुबे अली ने कहा कि आज की कार्यशाला काफी महत्वपूर्ण है। पूरे भारत से मिजल्स और रूबेला को समाप्त करने के लिए भारत में 40 करोड़ बच्चों के कुल लक्ष्य में से 9 महीने से 15 वर्ष की आयु वर्ग के 18.5 करोड़ बच्चों को देश के 30 राज्यों में सफलतापूर्वक टीकाकरण किया जा चुका है। 

बिहार 32 वां राज्य है जिसमें 15 जनवरी 2019 से यह अभियान शुरू किया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी बच्चों को टीकाकरण से पहले कुछ नास्ता कर लेना चाहिए और शिक्षकों और स्वास्थ्य कर्मियों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। पहले दो सप्ताह निजी स्कूलों में और बाद के दो सप्ताह सरकारी विद्यालयों में दिए जायेंगे। इस अभियान में सभी शेयरधारकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में यूनिसेफ के स्टेट को-ऑर्डिनेटर राजेश सिंह के अलावे राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. एनके सिन्हा ने भी लोगों को प्रशिक्षित किया। 


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