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जातीय गणना में शिक्षकों की ड्यूटी का बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने किया विरोध, सीएम, शिक्षा मंत्री और एसीएस के के पाठक को लिखा पत्र

जातीय गणना में शिक्षकों की ड्यूटी का बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने किया विरोध, सीएम, शिक्षा मंत्री और एसीएस के के पाठक को लिखा पत्र

PATNA: बिहार के शिक्षकों को फिर से जातीय जनगणना के कामों में लगाने का सरकार ने फरमान जारी किया है। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कामों से अलग रखने का अपर मुख्य शिक्षा सचिव के. के पाठक का दावा जातीय जनगणना के मुद्दे पर टूटकर बिखर गया है। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह और महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने एक बयान में कहा है कि जातीय जनगणना संबंधी कार्य प्रारंभ होने के साथ ही अपर मुख्य शिक्षा सचिव ने राज्य के सभी जिला पदाधिकारियों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से अलग रखने का आदेश दिया था। लेकिन उसकी स्याही अभी सूखी भी नहीं थी कि फिर तुरंत उक्त आदेश को पलट दिया गया और  पुनः विद्यालय में पढ़ाई-लिखाई के बन रहे माहौल को प्रभावित कर दिया गया। सिंह ने इसे शिक्षक और शिक्षा विरोधी आदेश करार दिया है।

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि इस तथ्य से सभी अवगत हैं कि लोक सभा चुनाव की तैयारी प्रारंभ हो चुकी है और फिर विधान सभा चुनाव भी दस्तक दे रहा है। यानि 2025 तक शिक्षकों को पढ़ाई से सरकार ने अलग रखने की तैयारी कर ली है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी शिक्षकों से गैर-शैक्षणिक कार्य कराने की सख्त मनाही है।

उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा शिक्षकों के वाजिब मांगों के लिए किए गए शांतिपूर्वक प्रदर्शन के अपराध में उनपर दण्डात्मक कार्रवाई की जा रही है। लगभग 500 शिक्षक निलंबित हैं। शिक्षकों को 9 बजे सुबह से 7 बजे शाम तक विद्यालयों में उपस्थित रहने का मानसिक दबाव है और इसमें थोड़ी-सी भी मानवीय भूल के कारण वेतनादि की कटौती की जा रही है।

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिक्षा मंत्री और अपर मुख्य शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि आपके द्वारा शिक्षकों की वाजिब मांगों पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है। ऐसी गंभीर परिस्थिति में आप शिक्षकों को इस बात के लिए विवश नहीं करें कि वे गैर-शैक्षणिक कार्य संबंधी आदेश का अनुपालन नहीं करें। शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने उक्त आदेश को तात्कालिक प्रभाव से वापस लेने का अनुरोध माननीय मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री एवं अपर मुख्य सचिव से लिखित पत्र के द्वारा किया गया है।

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