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नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने को लेकर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की सीएम नीतीश से बड़ी मांग

नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने को लेकर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ की सीएम नीतीश से बड़ी मांग

पटना. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राज्य के सभी कोटि के नियोजित शिक्षकों को बगैर किसी परीक्षा के अविलम्ब संविधान के अनुच्छेद 309 के अंतर्गत सरकारी सेवक का दर्जा देने की मांग की है. साथ ही 11 जुलाई, 2023 के शांतिपूर्ण व अहिंसक धरना-प्रदर्शन में भाग लेने वाले हजार से भी अधिक प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के निलंबन एवं वेतन कटौती के आदेश को निरस्त करने की मांग की है। 

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री को कहा कि आपके द्वारा 15 अगस्त और 02 नवम्बर को नियोजित शिक्षकों को एक मामूली परीक्षा लेकर राज्यकर्मी का दर्जा देने की घोषणा करते समय आपकी दैहिक भाषा एवं अंग संचालन से नियोजित शिक्षकों के प्रति आपकी सदिच्छा व्यक्त हुई है। इससे न केवल आपने नियोजित शिक्षकों को दिलासा दिया है बल्कि राज्य के लाखों परिवारों में खुशियों का माहौल पैदा किया है। साथ ही उन्होंने बेहतर शिक्षा एवं बढ़े-लिखे बेरोजगार युवा-युवतियों को अध्यापक के रूप में नियुक्त करने का कीर्तिमान स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई भी दी है।

उनहोंने मुख्यमंत्री को कहा कि परीक्षा किसी भी व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व का मूल्यांकन नहीं कर सकती है। एक अध्यापक जब अपनी कक्षाओं में प्रवेश करता है और जब उसकी उंगलियां श्यामपट्ट पर पहुँचती है तब उसकी लेखन क्षमता, भाषा की शुद्धता, अध्यापन की कला, पुस्तक के वाचन में आरोह-अवरोह और संपूर्ण कक्षा को अपनी ओर आकर्षित कर लेना, अपनी अध्यापन शैली से बच्चों के दिमाग में पढ़ाये गये विषयों को सम्प्रेषित कर देना एवं छात्र-छात्रओं में नयी समझदारी, नवाचार, कौशल आदि गुण पैदा करना उनका वास्तविक मूल्यांकन होता है। इन तमाम गुणों एवं क्षमताओं से अधिकतम 20 वर्षों से कार्यरत अनुभवी नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए दक्षता मूल्यांकन परीक्षा के बावजूद फिर से ‛सक्षमता’ की नयी शब्दावली गढ़कर परीक्षा का मनोवैज्ञानिक प्रतिकूल असर डालने की कसरत होगी।

उनहोंने मुख्यमंत्री को कहा कि हम बार-बार आपसे मार्मिक अपील करते हैं कि नियोजित शिक्षकों के लिए सबसे पहले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 309 के अंतर्गत अधिसूचना जारी कर दी जाय और उसके बाद कक्षाओं के स्वमूल्यांकन एवं छात्र-छात्राओं के लिए भी मासिक मूल्यांकन की पुरानी व्यवस्था लागू की जाय।


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