बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने लगाया आरोप, कहा शिक्षक अभ्यर्थियों को गुमराह कर रहे शिक्षा मंत्री

PATNA : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह एवं महासचिव सह पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने शिक्षा मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि नौजवान शिक्षक अभ्यर्थियों को बिहार के शिक्षामंत्री ही बहला रहे हैं और उन्हें गुमराह भी कर रहे हैं। शिक्षक अभ्यर्थी आज उनसे यह जानना चाहते हैं कि सातवें चरण तक जिस नियमावली के तहत अभ्यर्थियों को शिक्षक पद के लिए नियुक्ति पत्र मिलने वाले थे, उन्हें किस गुनाह के कारण तीसरी बार बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा देने के लिए जबरन मजबूर किया जा रहा है ?

शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि यदि आठवें चरण से आयोग द्वारा परीक्षा लेकर शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जाती तो शिक्षा के गुणात्मक विकास पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। पूर्व से नियुक्त शिक्षकों पर भी फिर से नई नियुक्ति के लिए नई शर्त लादना अनुचित है। अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 में उनके 20 वर्षों की सेवा संरक्षण का कोई प्रावधान नहीं करना सरासर अन्याय है।

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शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि 1,70,000 पदों पर ही 4 लाख कार्यरत शिक्षकों एवं 2 लाख नये शिक्षक अभ्यर्थियों की परीक्षा लेना भारी संख्या में युवाओं को बेरोजगार रखने वाली नीति है। यदि सरकार की सोच सही और फैसला विवेकपूर्ण होता तो पूर्व से कार्यरत शिक्षकों, शारीरिक शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को बिना शर्त राज्यकर्मी घोषित करती और सातवें चरण के बाद नई नियमावली लागू करती। 

उन्होंने कहा है कि सरकार जब तक अपने इस फैसले को वापस नहीं लेती है और बिना शर्त शिक्षकों, शारीरिक शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को राज्यकर्मी घोषित नहीं करती है तब तक हम आंदोलन जारी रखेंगे। अन्यथा की स्थिति में पूरे राज्य में शिक्षा व्यवस्था को ठप करने की जबाबदेही सरकार की होगी।