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नई शिक्षक नियमावली के विरुद्ध आर-पार की लड़ाई लड़ेगा बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ : शत्रुघ्न प्रसाद सिंह

नई शिक्षक नियमावली के विरुद्ध आर-पार की लड़ाई लड़ेगा बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ : शत्रुघ्न प्रसाद सिंह

PATNA : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव और पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा है कि अभी हाल ही में शिक्षा विभाग के पदवर्ग समिति ने जिस वेतनमान की स्वीकृति शिक्षकों के लिए दी है। वह कहीं से भी सरकारी कर्मियों का वेतनमान नहीं है। सरकारी कर्मियों का न्यूनतम वेतनमान 18000-56900 है। पुराने शिक्षक जो 17 वर्षों से कार्यरत हैं, उनकी उपेक्षा कर उनके वेतन की विसंगतियां दूर नहीं की गई हैं। उन्हें पूरे सेवाकाल में कोई प्रोन्नति नहीं दी गयी। इससे पूरे राज्य के हर कोटि के शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों में आक्रोश है। जब तक राज्यकर्मी का दर्जा बिना परीक्षा लिए सरकार नहीं देगी, तब तक संघर्ष चलता रहेगा। पदवर्ग समिति ने जिस प्रकार के वेतनमान की घोषणा की है, वह पुराने वेतनमान के तुलनात्मक अध्यययन करने से भेदभाव परिलक्षित हो रहा है। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।

सिंह ने बताया कि आगामी संघर्ष के कार्यक्रम के रूप में यह निर्णय लिया गया है कि 20 मई 2023 को प्रमंडल मुख्यालय में आयुक्त के समक्ष आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन तथा मौनसून सत्र में विधान मंडल का घेराव एवं मंत्री तथा विद्यालयों का भी घेराव किया जायेगा। 20 मई से जून के प्रथम सप्ताह तक जिला स्तर पर धरना का कार्यक्रम चलेगा। संघर्ष के सभी कार्यक्रमों में अन्य शिक्षक संगठनों का भी सहयोग रहेगा। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ समन्वित संघर्ष का हिमायती है और उसी के तर्ज पर आर-पार की लड़ाई लड़ी जायेगी।

बिहार माध्यमिमक शिक्षक संघ की राज्यकार्यकारिणी की बैठक रघुवंश प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 के प्रतिरोध में राज्यव्यापी संघर्ष की शुरूआत 01 मई 2023 को मजदूर दिवस के मौके पर बिहार के प्रत्येक जिला मुख्यालय में प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया। इसमें बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के साथ-साथ अन्य शिक्षक संगठन के लोग भी भाग लेंगे। बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ‘प्रदीप कुमार पप्पु’ एवं बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ, ब्रजनंदन शर्मा के साथ अन्य शिक्षक संगठनों ने भी राज्यव्यापी संघर्ष में शामिल होने की सहमति व्यक्त की है।  मुख्यमंत्री बिहार सरकार को प्रत्येक जिला के जिला पदाधिकारी के माध्यम से मांग के संबंध में ज्ञापन सौंपा जायेगा। 

प्रेस वार्ता में राज्य सचिव मंडल के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष द्वय डॉ॰ सुरेश प्रसाद राय एवं देववंश सिंह, कोषाध्यक्ष प्रवीण, संयुक्त सचिव डॉ. अरूण कुमार यादव, विनय मोहन, अनिल कुमार झा, डॉ. दीनबंधु मांझी, मो. रागीव कलीम, परीक्षा अध्यक्ष भीमेन्द्र चौधरी, परीक्षा सचिव अर्णज कुमार सहित प्राच्य प्रभा के प्रधान संपादक विजय कुमार सिंह, प्राच्य प्रभा संपादक मंडल के सदस्य गजेन्द्र कान्त शर्मा, प्रबंध निदेशक चन्द्रकिशोर कुमार, छात्र कल्याण परिषद् के सचिव मृत्युंजय कुमार, शैक्षिक परिषद् सचिव शशिभूषण दूबे, राज्यकार्यकारिणी सदस्य गौतम महात्मा, पटना जिला सचिव डॉ. जितेंद्र कुमार सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

पदवर्ग समिति द्वारा शिक्षकों का वेतन निर्धरण का तुलनात्मक विवरण शिक्षकों की कोटि अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 के द्वारा नियुक्त शिक्षकों का वेतन अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 द्वारा प्राप्त कुल वेतन वर्तमान में पंचायती राज संस्था द्वारा 17 वर्षों से नियुक्त एवं कार्यरत  शिक्षकों को वेतनमान वर्त्तमान में पंचायती राज संस्था द्वारा 17 वर्षों से नियुक्त एवं कार्यरत  शिक्षकों को प्राप्त कुल वेतन 7 वें वेतन आयोग द्वारा पुराने शिक्षकों का वेतनमान 7 वें वेतन आयोग द्वारा पुराने शिक्षकों को प्राप्त कुल वेतन 

1ली से 5वीं के शिक्षक         25000/-            37500/-            29530/-            44114/-            35400/-            52684/-

5वीं से 8 वीं में शिक्षक        28000/-            41880/-            29530/-            44114/-            44900/-            66554/-

9 वीं से 10 वीं के शिक्षक     31000/-            46260/-            30300/-            45238/-            44900/-            66554/-

11 वीं से 12 वीं के शिक्षक   32000/-            47720/-            31840/-            47846/-            47600/-            70496/-

इस तरह देश में बिहार एक अनोखा राज्य होगा। जहाँ एक ही विद्यालय में तीन-तीन व्यवस्था के तहत नियुक्त शिक्षक कार्यरत रहेंगे, जिनकी सेवाशर्त एवं वेतनमान तो अलग-अलग होगे ही, उनके नियंत्री एवं नियुक्ति प्राधिकार भी अलग-अलग होंगे। जबकि उक्त शिक्षकों को समान वर्ग में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के साथ ही शैक्षणिक कार्य करना होगा, यह कदम शिक्षकों के साथ छलावा एवं उकसावेपूर्ण कार्रवाई है। 

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