डेस्क- 5 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारतीय टीम विश्वकप में अपना 8वां मुकाबला खेलने उतरेगी. ये मैच कोलकता के ईडन गार्डन में खेला जाएगा. 5 नवंबर यानी आज दो बजे से होने वाले मैच के लिये भारतीय टीम शुक्रवार की शाम को कोलकता पहुंच गई है. सबसे खास बात ये है कि 5 नवंबर यानी आज स्टार बल्लेबाज विराट कोहली का 35वां जन्मदिन भी है, जिसे यादगार बनाने में बंगाल क्रिकेट संघ कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता. बंगाल क्रिकेट संघ के एक आला अधिकारी ने बताया कि कोहली के जन्मदिन के लिये एक खास केक और उपहारस्वरूप उनके लिए बल्ला तैयार किया गया है.
कोलकाता के क्रिकेटप्रेमियों की जबां पर सिर्फ कोहली का नाम है और उन्हें उम्मीद है कि वह इस मैच में वनडे क्रिकेट में 49 शतक के सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की बराबरी करेंगे. बारह साल बाद कोहली आज खुद उसी मुकाम पर हैं और अपने शानदार प्रदर्शन से उन्होंने इस विश्व कप को खास बना दिया है. भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच रविवार को होने वाले विश्व कप मैच से पहले ‘प्रिंस आफ कोलकाता’ सौरव गांगुली के शहर में में ‘किंग कोहली’ का खुमार सिर चढकर बोल रहा है. सभी की जुबां पर रविवार को अपना 35वां जन्मदिन मना रहे कोहली का ही नाम है. कई प्रशंसकों ने तो स्टेडियम के बाहर ही कोहली का जन्मदिन मनाने की पूरी तैयारी कर रखी है. कोहली के मास्क, बैनर और पोस्टरों से ईडन गार्डन भरा रहने की उम्मीद है.
बता दें क्रिकेट की दुनिया में भारत में पहले सचिन तेंदुलकर को लेकर लोगों में दीवानगी हुआ करती थी. वहीं विराट ने सचिन की विरासत को आगे बढ़ाया है. मार्च 2012 में सचिन तेंडुलकर ने ख़ुद भविष्यवाणी की थी कि विराट उनके उत्तराधिकारी होंगे. अपनी निरंतरता और रन बनाने की भूख के कारण विराट की तुलना अक्सर सचिन तेंदुलकर से की जाती है. विराट को सचिन तेंदुलकर का मार्गदर्शन भी मिला. 2011 विश्व कप जीत के बाद, विराट ने सचिन को अपने कंधों पर उठाकर मैदान के चारों ओर घुमाने की पहल की थी. साल 2011-12 में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज़ में भारतीय टीम को हार मिली थी. लेकिन ये सीरीज़ विराट के लिए खास थी, क्योंकि इस सीरीज़ में उन्होंने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक लगाया था.
भारतीय क्रिकेटर का ये आक्रामक रूप कई लोगों के लिए नया था. दरअसल, जब विराट ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में क़दम रखा तो बदलाव की बयार चल रही थी. आईपीएल और टी-20 की वजह से क्रिकेट की दुनिया बदल रही थी.इस तरह विराट न सिर्फ भारतीय क्रिकेट के बल्कि देश की नई पीढ़ी के भी प्रतिनिधि बन गए. उनमें इस नई पीढ़ी की बराबरी करने का आत्मविश्वास था. 2014 में भारतीय टीम जब ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी, तो एडिलेड टेस्ट से ठीक पहले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के अंगूठे की चोट ठीक न होने के कारण विराट को पहली बार टेस्ट टीम की कप्तानी करने का मौका मिला. कोहली ने पहले ही मैच में दिखा दिया कि वे एक कप्तान के तौर पर कैसा प्रदर्शन कर सकते हैं.
साल 2021-22 विराट के लिए कठिन समय लेकर आया. उनके बल्ले से रन नहीं बन रहे थे. लगातार खेलने से थकावट के कारण 2022 में उन्होंने एक महीने का आराम भी लिया.2008 से टेस्ट, वनडे, टी20 और आईपीएल खेल रहे कोहली ने पहली बार एक महीने तक बल्ला भी नहीं छुआ.उसके बाद एशिया कप में अफगानिस्तान के खिलाफ उन्होंने शतक लगाया और फिर 2022 विश्व टी20 में पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 82 रनों की पारी खेलकर टीम की जीत की नींव रखी. उसके बाद से विराट नए जोश के साथ खेलते नज़र आ रहे हैं.