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भाजपा ने मुख्यमंत्री का किया पुतला दहन, छठ घाट की दुर्दशा एवं महिलाओं को लेकर किये गये अमर्यादित टिप्पणी पर शहर में निकाला जुलूस

भाजपा ने मुख्यमंत्री का किया पुतला दहन, छठ घाट की दुर्दशा एवं महिलाओं को लेकर किये गये अमर्यादित टिप्पणी पर शहर में निकाला जुलूस

BANKA : अमरपुर क्षेत्र के छठ घाट की खराब स्थिति एवं मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में दिये गये अमर्यादित बयान को लेकर शनिवार को अमरपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी भाजपा नेता डा मृणाल के नेतृत्व बस स्टैंड चौक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन किया गया। साथ ही मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। 

शहर के सार्वजनिक पुस्तकालय परिसर से मृणाल शेखर के अगुआई में भाजपा कार्यकर्ता गोला चौक, पुरानी चौक, हटिया होते हुए बस स्टैंड चौक पहुंचे। जहां मुख्यमंत्री नीतीश का पुतला दहन के बाद बस स्टैंड चौक से पुनः स्टेट बैंक होते हुए गोला चौक से सार्वजनिक पुस्तकालय परिसर पहुंचा। जुलूस में मुख्यमंत्री नीतीश शर्म करो, महिला को लेकर किये गये अपमान टिप्पणी पर शर्म करो आदि नारे लगाया गया। कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के छठ घाट की स्थिति काफी दयनीय है। करोड़ों की राशि का अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि बंदरबांट कर छठव्रतियों एवं लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। शहर के पैनियानाथ पोखर में जलकुंभी भरा पड़ा है। साफ के नाम पर महज खानापूर्ति की गई है। पानी भी दुषित है। ऐसे में छठव्रतियों को खतरनाक बीमारी का खतरा बना हुआ है। 

उन्होंने क्षेत्रीय विधायक सह सूबे के लघु जल संसाधन मंत्री पर तीखा हमला करते हुए कहा कि छठ आस्था का पर्व है। लेकिन इच्छाशक्ति की कमी एवं सनातन विरोधी कारनामों से भरा पड़ा है। यही कारण है कि छठ पर्व में भी उनकी संवेदनहीनता बनी हुई है। कहा कि पोखर में दुषित पानी के सफाई के लिए डैम से पानी छोड़े जाने चाहिए। ताकि छठव्रती स्वच्छ पानी में धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कर सके ‌। लेकिन इस ओर ध्यान देना भी मुनासिब नहीं समझा। जिससे क्षेत्र के लोगों में गहरा आक्रोश है। 

इसके अलावा क्षेत्र के पवई महादेवा पोखर, महादेव ताड़ पोखर, राय पोखर, चंसार पोखर, फुलवासा पोखर सहित अन्य दर्जन भर से अधिक छठ घाट खतरनाक श्रेणी में है। लेकिन प्रशासन ने इन सभी खतरनाक घाट के लिए महज दस आपदा मित्र एवं एक गोताखोर की तैनाती किया है। जो हास्यास्पद ही नहीं कुंठित मानसिकता को भी दर्शाता है। उन्हें आशंका है कि पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि के ओझी मानसिकता के कारण कोई बड़ा हादसा होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। 

कहा कि वह मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा का प्रभारी था। वहां भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान को लेकर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री को मानसिक इलाज की जरूरत है। इन्हें स्वयं इस्तीफा देना चाहिए। या फिर बर्खास्त किया जाना चाहिए। ताकि बिहारी को अन्य प्रदेशों में शर्मिंदगी का सामना नहीं करना पड़े। 

इस अवसर पर पश्चिमी मंडल अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा, मृत्युंजय शर्मा, प्रदीप गांय, जयराम ईश्वर, संजीव सिंह, किशोर पंडित सहित काफी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता साथ थे

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