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मुकेश सहनी गफलत में न रहें! भाजपा को अपनों ने हराया....VIP कैंडिडेट का वोट जोड़ने के बाद भी BJP उम्मीदवार की जीत नहीं

मुकेश सहनी गफलत में न रहें! भाजपा को अपनों ने हराया....VIP कैंडिडेट का वोट जोड़ने के बाद भी BJP उम्मीदवार की जीत नहीं

PATNA: बिहार विधानसभा की बोचहां सीट पर हुए उप चुनाव में बीजेपी की करारी हार हो गई। सारी ताकत लगाने के बाद भी भाजपा कैंडिडेट को दूसरे नंबर से संतोष करना पड़ा। मुकेश सहनी की पार्टी तीसरे नंबर पर रही। बीजेपी की सहयोगी रही वीआईपी कैंडिडेट के वोट जोड़ दें इसके बाद भी राजद कैंडिडेट का वोट काफी अधिक रहा। यानि मुकेश सहनी को इस गफलत में नहीं रहना चाहिए कि उनकी वजह से ही बीजेपी की हार हुई है। बीजेपी की हार की मुख्य वजह उनके कोर वोटरों में भारी नाराजगी रही। भाजपा में जिस तरह से नेतृत्व काम कर रहा उससे भी परंपरागत वोटर नाराज रह रहे हैं. उप चुनाव में राजद प्रत्याशी अमर पासवान को 82547 मत मिले। वहीं बीजेपी कैंडिडेट बेबी कुमारी को 45889 और वीआईपी के गीता कुमारी को 29276 मत मिले। इस तरह से राजद उम्मीदवार अमर पासवान 36658 मतों से जीत गए। अगर आप भाजपा और वीआईपी कैंडिडेट को मिले मत को जोड़ दें तो यह संख्या 75165 पर पहुंच रहा। 

ऐसी करारी हार तो बीजेपी नेतृत्व ने सोचा भी नहीं होगा

बोचहां के रण में भाजपा की करारी हुई। ऐसी हार तो नेतृत्व ने सोचा भी नहीं होगा। यहां बीजेपी लड़ाई जीतने के लिए नहीं बल्कि दूसरे नंबर पर रहने के लिए लड़ती रही। आज जब चुनाव परिणाम सामने आया तो राजद कैंडिडेट की बड़ी जीत दर्ज हुई। 2020 में वीआईपी के टिकट पर चुनाव जीते मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान बड़े अंतर से जीत दर्ज की। बीजेपी कैंडिडेट बेबी कुमारी को करारी हार का सामना करना पड़ा। 

मुकेश सहनी के साथ-साथ रमई राम की पकड़ का मिला लाभ 

मुकेश सहनी की पार्टी गीता कुमारी को करीब 28 हजार मत मिले। मुकेश सहनी के कैंडिडेट को अगर इतना मत मिला तो इसके पीछे रमई राम की ताकत रही। गीता देवी के पिता रमई राम इस क्षेत्र से 9 दफे विधायक रहे हैं। लालू-राबड़ी और नीतीश कैबिनेट में मंत्री रहे हैं। रमई राम का इस क्षेत्र में सभी समाज के लोगों में काफी अच्छी पकड़ है। इसका भी फायदा मुकेश सहनी के कैंडिडेट को मिला है। 

मुकेश सहनी के उम्मीदवार का वोट जोड़ने के बाद भी भाजपा की जीत संभव नहीं

वहीं, बीजेपी कैंडिडेट को कोर वोटर भूमिहार-ब्राह्मणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। वहीं, वैश्यों में भी भारी नाराजगी थी। स्थिति ऐसी रही कि भाजपा के कोर वोटरों ने राजद प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर दिया। लिहाजा राजद कैंडिडेट बड़े स्तर से जीत गये। वैसे मुकेश सहनी की पार्टी भी दावा कर रही है कि हमारी वजह से भाजपा की हार हुई। मुकेश सहनी दावा करते रहे हैं कि हमारा लक्ष्य भाजपा को हराना है। लेकिन आज जब चुनाव परिणाम आया उसके बाद से मुकेश सहनी की भी पूरी पोल खुल गई है। भले ही गीता देवी को 28 हजार के करीब वोट मिला फिर भी अगर आप बीजेपी प्रत्याशी और वीआईपी उम्मीदवार के कुल वोटों को जोड़ दें फिर उस लक्ष्य को नहीं छू सकते। यानी अगर दोनों दल साथ भी होते फिर भी भाजपा कैंडिडेट को हारने से कोई नहीं रोकता। 

  

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