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BJP को चुकानी पड़ी बड़ी पॉलिटिकल फीस ! सत्ता से बेदखल भाजपा को उप चुनाव में प्रतिष्ठा को बचाने के लिए 'चिराग' से करना पड़ा समझौता, प्रचार के लिए 'पासवान' कैसे हुए तैयार?

BJP को चुकानी पड़ी बड़ी पॉलिटिकल फीस ! सत्ता से बेदखल भाजपा को उप चुनाव में प्रतिष्ठा को बचाने के लिए 'चिराग' से करना पड़ा समझौता, प्रचार के लिए 'पासवान' कैसे हुए तैयार?

PATNA:  बिहार में विधानसभा की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर अकेले पड़ी बीजेपी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। दो में एक गोपालगंज भाजपा की सीटिंग सीट है,जबकि मोकामा में बीजेपी पहली दफा अपना उम्मीदवार दी है। उप चुनाव में दोनों सीटों पर बीजेपी प्रत्याशी की जीत हो, इसके लिए भाजपा के नेता जी-जान से लगे हैं. उप चुनाव की घोषणा के साथ ही बीजेपी ने लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को अपने पाले में लाने की भरपूर कोशिश कर रही थी। चिराग पासवान वर्तमान में न तो बीजेपी के साथ थे और न महागठबंधन के साथ। पासवान जाति के वोटरों में चिराग पासवान की मजबत पकड़ है। ऐसे में चिराग को पाले में लाने के लिए और दोनों सीटों पर चुनाव प्रचार कराने को लेकर बीजेपी नेतृत्व को काफी पसीना बहाना पड़ा। यूं कहें कि प्रचार के लिए चिराग को तैयार कराने के लिए बड़ी पॉलिटिकल कीमत चुकानी पड़ी है। जानकार बताते हैं कि लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान बीजेपी से पूरी कीमत लगवाकर बिहार लौटे हैं. चुनाव प्रचार के अंतिम दो दिन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में चिराग रोड़-शो व प्रचार करेंगे। खबर है कि चिराग पासवान को आने वाले दिनों में बीजेपी सरकार में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। वैसे चिराग के चाचा पशुपति पारस लोजपा के पांच सांसदों के साथ अलग होकर वर्तमान में मोदी सरकार में मंत्री हैं। चिराग की बीजेपी नेतृत्व के सामने एक बड़ी शर्त अपने चाचा 'पारस' को मंत्रिमंडल से हटाना भी है.गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद ही चिराग पासवान बीजेपी की मदद को तैयार हुए हैं.   

पॉलिटिकल फीस लेकर लौटे चिराग 

दिल्ली में बीजेपी के शीर्ष नेताओं से बात पक्की कर चिराग पासवान पटना लौटे हैं. उनके पटना आने का कार्यक्रम कई दफे टला। अंत में बीती रात अमित शाह से बात पक्की कराकर चिराग पटना आये हैं. पटना आते हीं उन्होंने ऐलान कर दिया कि उप चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करेंगे। साथ ही अगले महीने फिर से अमित शाह और पीएम मोदी से मुलाकात होगी। पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि मेरी लड़ाई हमेशा से अपने प्रदेश को एक विकसित राज्य बनाने की रही है. आज तक जितने निर्णय लोजपा (रामविलास) ने लिए हैं, वह इसी सोच के साथ कि कैसे मेरा प्रदेश विकसित राज्य बने. बिहारियों का खोया हुआ गौरव सम्मान लौटे. जो प्रश्न आप लोगों ने पूछा है, उस प्रश्न के जवाब में भी मैं यही कहूंगा कि मेरे नेता रामविलास पासवान जी ने जब-जब, जो-जो निर्णय लिये वह हमेशा प्रदेश हित को मद्देनजर रखकर लिया. इस बार के उपचुनाव का आप लोगों ने जिक्र किया है. लोक जनशक्ति रामविलास की क्या भूमिका रहेगी. मैंने हमेशा से इस बात को कहा है कि बिहार और बिहारियों को बर्बाद करने में सबसे बड़ा योगदान किसी का रहा है तो वह हमारे आज के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रहा है. मैंने हमेशा से उनकी नीतियों का विरोध किया है.मैं नहीं मानता कि उनके पास कोई ऐसी नीति है जो हमारे प्रदेश को विकसित राज्य बना दें . हमने मुख्यमंत्री की नीतियों का हमेशा से विरोध किया है. 2020 का चुनाव मैंने उनके विरोध में लड़ा.

अगले महीने फिर से शाह-मोदी से होगी मुलाकात-चिराग

मैंने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री जी के साथ जाना या कोई भी ऐसा निर्णय लेना जो मुख्यमंत्री के निर्णय के ताकत को बढ़ाता है, यह संभव नहीं है. 2020 का चुनाव हमने इसीलिए अकेले लड़ा की ताकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिस मजबूती के साथ बिहार को बर्बाद कर रहे हैं, वह मजबूती उन्हें न प्रदान हो. आज हमने फैसला लिया है कि मोकामा और गोपालगंज में लोजपा (रामविलास) भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करेगी. उनके पक्ष में हम लोग चुनाव प्रचार करेंगे. उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित हो, इसके लिए निर्णय लेने में समय बीता है. लंबे समय से बातचीत चल रही थी. मेरी नित्यानंद राय केंद्रीय गृह राज्य मंत्री, भाजपा के कई शीर्ष नेताओं से बातचीत चल रही थी . कल रात एक लंबी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी से हुई है . तमाम बिंदुओं पर चर्चा हुई. आने वाले समय में यह चर्चा आगे भी जारी रहेगी. छठ पर्व और उपचुनाव के बाद अगले महीने फिर से अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात होगी. बाकी के जो विषय हैं उस पर भी चर्चा होनी है. उपचुनाव को लेकर फैसला ले लिया गया है. प्रचार में समय कम है. 2 दिन का समय ही रह गया है. ऐसे में कम समय में हम लोगों के द्वारा जितनी मेहनत संभव हो पाएगी वह मेहनत करेंगे। 



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