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‘नेशनल हेराल्ड’ को लेकर भाजपा का कांग्रेस पर पलटवार, "गांधी परिवार को अपने ‘पापों’ की कीमत चुकानी होगी"- रविशंकर

‘नेशनल हेराल्ड’ को लेकर भाजपा का कांग्रेस पर पलटवार, "गांधी परिवार को अपने ‘पापों’ की कीमत चुकानी होगी"- रविशंकर

दिल्ली- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र और इससे जुड़ी कपनियों की संपत्ति जब्त किए जाने की निंदा करने को लेकर बुधवार को कांग्रेस पर पलटवार किया और कहा कि ‘गांधी परिवार' को अपने ‘पापों' की कीमत चुकानी होगी। यहां भाजपा मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने गांधी परिवार पर नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जा करने का आरोप लगाया। प्रकाशन का एक ऑनलाइन संस्करण, हालांकि उपलब्ध है। प्रसाद ने कांग्रेस से यह स्पष्ट करने को कहा कि बेईमानी और सार्वजनिक संपत्ति की लूट के खिलाफ की गई कार्रवाई को लोकतंत्र की अवहेलना कैसे कहा जा सकता है?

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मंगलवार को नेशनल हेराल्ड की संपत्ति कुर्क किए जाने के बाद कांग्रेस ने इस कार्रवाई को ‘प्रतिशोध का तुच्छ हथकंडा’ करार दिया था और केंद्रीय जांच एजेंसी को भाजपा का ‘गठबंधन साझेदार’ बताया था।कांग्रेस की यह टिप्पणी उस वक्त आई जब ईडी ने मंगलवार को कहा कि उसने कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रवर्तित नेशनल हेराल्ड समाचारपत्र और इससे जुड़ी कंपनियों के खिलाफ धनशोधन की अपनी जांच के तहत करीब 752 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्ति और ‘इक्विटी’ हिस्सेदारी (शेयर) जब्त की है।ईडी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन कंपनी के खिलाफ संपत्ति कुर्क करने का आदेश धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जारी किया था।नेशनल हेराल्ड की प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है।प्रसाद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी ने इन बेशकीमती संपत्तियों का गबन किया क्योंकि इसके स्वामित्व वाली कंपनी के शेयर एक ऐसी कंपनी को हस्तांतरित कर दिए गए जहां दोनों का 76 प्रतिशत शेयरों पर नियंत्रण था।उन्होंने दावा किया कि यह लोकतंत्र में शर्मनाक, नया निचला स्तर है।

 नेशनल हेराल्ड की प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड है और इसका स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है। प्रसाद ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी ने इन बेशकीमती संपत्तियों का गबन किया क्योंकि इसके स्वामित्व वाली कंपनी के शेयर एक ऐसी कंपनी को हस्तांतरित कर दिए गए जहां दोनों का 76 प्रतिशत शेयरों पर नियंत्रण था। उन्होंने दावा किया कि यह लोकतंत्र में शर्मनाक, नया निचला स्तर है। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने न केवल स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व करने की कांग्रेस की विरासत को हड़प लिया, बल्कि पार्टी से जुड़ी संपत्तियों को भी हड़प लिया। प्रसाद ने कहा कि दोनों कांग्रेस नेताओं ने आयकर विभाग सहित जांच एजेंसियों की कार्रवाई के खिलाफ न्यायपालिका का रुख किया था लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। कांग्रेस ने दावा किया था कि ईडी की कार्रवाई भाजपा की हताशा का नतीजा है क्योंकि वह विधानसभा चुनाव के मौजूदा दौर में हार रही है।  

बता दें  साल 1937 में द एसोसिएटेड नाम से कंपनी बनाई गई थी। इसके निवेशकों में पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू समेत 5 हजार स्वतंत्रता सेनानी थे। इस कंपनी के द्वारा नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज अखबारों का प्रकाशन किया जाता था। लेकिन समय के साथ ये कंपनी घाटे में चली गई और कांग्रेस पार्टी ने इस कंपनी को 90 करोड़ रुपए का लोन दिया, जिससे इसे घाटे से उबारा जा सके। हालांकि कंपनी को कुछ खास सफलता नहीं मिली।साल 2010 में एक और कंपनी बनाई गई, जिसका नाम यंग इंडिया रखा गया। इस कंपनी में 76 फीसदी शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास और 12-12 फीसदी शेयर मोतीलाल बोरा और आस्कर फर्नांडिस के पास थे। इस नई कंपनी (यंग इंडिया) को कांग्रेस ने अपना 90 करोड़ रुपए का लोन ट्रांसफर कर दिया। वहीं द एसोसिएट जर्नल ने भी अपना सारा शेयर यंग इंडिया को ट्रांसफर कर दिया और इसके बदले में यंग इंडिया ने द एसोसिएट जर्नल को महज 50 लाख रुपए दिए।इस मामले को बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सबसे पहले साल 2012 में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में उठाया। उन्होंने 2000 करोड़ रुपये की कंपनी को महज 50 लाख रुपये में खरीदे जाने की बात को जोरशोर से उठाया। स्वामी ने ही इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत अन्य कांग्रेसियों के खिलाफ केस की मांग की। 


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