2024 लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने कसी कमर, कर रही ये ख़ास तैयारी

2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा ने अपनी रणनीति का खाका तैयार करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक टीम बनाई है. भाजपा ने देश भर में लगभग 74,000 बूथों की पहचान की है, जहां पार्टी को अपनी पकड़ मज़बूत करनी है, और ज़मीनी स्तर पर जगह बनानी है.
लोकतंत्र में जीत और हार के कई कारण होते हैं. चुनावों के लिए मनोबल, अच्छी रणनीति चाहिए होती है, चुनावों में संगठन की बड़ी भूमिका होती है, इसलिए हर दल चाहता है कि उसका जमीनी स्तर तक संगठन मजबूत रहे।.उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह कुछ दिन पहले ही अपने करीब 71 प्रतिशत जिलाध्यक्षों को बदलकर एक तरह से संगठन को जहां चाकचौबंद करने का प्रयास किया है, वहीं वह मतदाताओं को यह संदेश देने की भी कोशिश की है कि उनकी आकांक्षाओं को भी राजनीतिक तौर पर ध्यान रखा जाएगा. भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्रियों में शिवराज सिंह चौहान के बाद योगी आदित्य नाथ दूसरे मुख्यमंत्री हैं, जिन्हें दूसरा कार्यकाल मिला है. फिर शासन का योगी मॉडल भी भाजपा शासित राज्यों में लगातार लोकप्रिय है.योगी के सामने चुनौती है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों में अपनी कामयाबी दिखाएं. लोकसभा चुनाव योगी के नेतृत्व की भी परीक्षा है.
उत्तर प्रदेश के बारे में कहा जाता है कि दिल्ली की राह इसी राज्य से होकर जाती है. यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं. संगठन और रणनीति के दम पर भारतीय जनता पार्टी ने तीस सालों के अंतराल के बाद अपने दम पर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब रही. भारतीय जनता पार्टी शायद ऐसा ही कमाल साल 2024 के आम चुनावों में दिखाना चाहती है. जिलाध्यक्षों के बदलाव को भाजपा की इसी कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है. उत्तर प्रदेश में 98 संगठनात्मक जिले हैं, जिनमें से 29 जिलों के पुराने अध्यक्षों पर ही भरोसा किया है, जिनमें प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद गोरखपुर अयोध्या आगरा और बरेली में भाजपा ने पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है.
यूपी में जाटलैंड के रूप में विख्यात इलाके में राज्य की 14 लोक सभा सीटें आती हैं. इस क्षेत्र पर कब्जा को लेकर भाजपा लगातार रणनीति बनाते रही है तो इसका कारण है भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी का समाजवादी पार्टी के साथ समझौता है. पश्चिमी क्षेत्र में पिछली बार बहुजन समाज पार्टी भी सेंध लगाने में कामयाब रही थी. इस बार भारतीय जनता पार्टी नहीं चाहती कि किसी भी तरह की हानि हो.
2024 का लोकसभा चुनाव होने में लगभग सात महीने का ही समय बचा है. साफ है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने अपनी तरह से सांगठनिक सेना सजाने की कोशिश की है, जिसका उद्देश्य लोकसभा चुनावों में पार्टी के लिए दिल्ली की राह आसान करना है.