मुखिया के अधिकार में कटौती को लेकर बिहार सरकार पर भड़के भाजपा एमएलसी सुनील चौधरी, कहा- इन मांगों को जल्द पूरा करे सरकार

DARBHANGA: त्रिस्तरीय पंचायत में सरकार के द्वारा किए गए हस्तक्षेप को लेकर भाजपा एमएलसी सुनील चौधरी परिसदन में बिहार सरकार के प्रति रोष व्यक्त किए है। चौधरी ने कहा कि ग्राम पंचायत राज में जो सरकार के द्वारा कटौती की जा रही है त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था जो है उसे समय सरकार के द्वारा कदापि कटौती नहीं होनी चाहिए। दूसरी बात है सरकार की जो रवैया है सौतेला व्यवहार जो है लोगों को अपमानित कर रहे हैं ऊपर बैठे लोगों को भ्रम है कि इन लोगों ने अधिकार दिया है। संविधान में जो अधिकार दिया है उस अधिकार का हनन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले मुखिया वार्ड मेंबर जिला परिषद उनके अधिकार क्षेत्र में विकास की कई योजनाएं रहती थी। कॉन्ट्रैक्ट लेवल पर जो अधिकार दिया जा रहा है। अब ग्राम पंचायत में वह क्या होता है। यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। सब काम सरकार कर रही है उपभोक्तान मुखिया करें। सब जवाब देही मुखिया दे। किसी तरह की अव्यवस्था होती है तो फिर करके मुखिया को जेल भेजा जाता है।
वहीं उन्होंने कई मांग सरकार को मिडिया के माध्यम से रखा हैं। पहली मांग ग्राम पंचायत को 73 वां संविधान संशोधन के तहत प्रदत 29 अधिकारों को पूर्णरूपेण ग्राम पंचायत को सौंपा जाए। 2. ग्राम सभा कि रक्षा हेतु पारित निर्णयों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए। ग्राम सभा से चयनित योजनाओं को प्राथमिकता दी जाए। 3. सरकार ग्राम सभा में अनावश्यक हस्तक्षेप बंद किया जाए। मुख्यमंत्री सोलर स्ट्रीट लाईट योजना में ब्रेडा असफल हो चुकी है इसे पुनः ग्राम पंचायत को सौंपा जाए। पंचायत सरकार भवन के निर्माण में पूर्व में ही LAEO असफल साबित हुई है। इससे LAEO से हटाकर ग्राम पंचायतों को क्रियान्वयन का जिम्मा दिया जाए। मुख्यमंत्री नल-जल योजना का कार्य पुरी तरह बाधित है। इसे पी०एच०ई०डी० से हटाकर पुन वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति को दिया जाए।
साथ ही ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों का वेतन / भत्ता में बढ़ोतरी की जाय। जिला परिषद् सदस्य को 25,000/- एवं मुखिया को 10,000/- उप मुखिया 7,000/- वार्ड सदस्य- 5000/- दिया जाए। ग्राम पंचायत के सभी जनप्रतिनिधियों को उनकी सुरक्षा हेतु आवश्यकता अनुसार उनके मांग पर आर्म्स का लाइसेंस दिया जाए। पंचायतों में बंद परे कबीर अंत्योष्टि योजना को चालू किया जाए। सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना को गति प्रदान किया जाए। ग्राम पंचायतों को पुनः जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार दिया जाए।