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BJP सांसद सुशील मोदी ने लालू-नीतीश से पूछा सवाल, कहा केंद्र में मंत्री रहते क्यों नहीं दिला पाए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा...

BJP सांसद सुशील मोदी ने लालू-नीतीश से पूछा सवाल, कहा केंद्र में मंत्री रहते क्यों नहीं दिला पाए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा...

BIHAR: बिहार की सियासत इन दिनों गरमाई हुई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं। बिहार में नई आरक्षण व्यवस्था लागू हो गई है। इसे संविधान के अनुच्छेद 31 (ख) की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। बुधवार 22 नवंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। दूसरी ओर सीएम एक बार फिर राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग कर रहे हैं। वहीं विपक्ष सीएम के इन कामों पर सावल उठाते हुए निशाना साध रही है। 

इसी कड़ी में पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने आरक्षण को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, संविधान की नवीं अनुसूची में आरक्षण संशोधन विधेयक डालने की बात महज कोरी बात है। उन्होंने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने जजमेंट दिया है कि, 9 th सिडूल में अगर कोई भी क़ानून डाला जाता है तो उसको भी कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। ये प्रावधान है। सरकार के अधिकारी S सिद्धार्थ ने गलत जानकारी दी। 1991 के बाद  किसी भी राज्य में आरक्षण के मामले को 9th सेडुल में नहीं डाला गया है। फैसला केंद्र सरकार को करना है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर अपना फैसला दिया है। लैंड रिफार्म को 9th सिडूल में डाला गया। केवल तमिलनाडु का मामला अलग है।

उन्होंने कहा कि, राज्य में बालू और शराब माफियाओं को संरक्षण दिया जा रहा। अगर अवैध धंधा खत्म हो तो बिहार को 20 हजार करोड़ का मुनाफा होगा। जिन राज्यों को विशेष दर्जा मिला आज वो कहाँ विकसित हो गए। विकास के लिए विशेष दर्जा की जरुरत नहीं है। नीतीश – लालू केंद्र में ताकतवर मंत्री थे। इन लोगों ने केंद्र में रहते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिलवाया। 1.5 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर से डॉक्टर मनमोहन सिंह को ज्ञापन, रामलीला मैदान में रैली के समय केंद्र में किसकी सरकार थी। लालू के समर्थन से केंद्र सरकार चल रही थी। उस समय नीतीश कुमार ने आरोप लगाया था कि लालू यादव ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा रुकवा दिया। तेजस्वी यादव अपने पिता से पूछे कि उन्होंने क्यों रुकवा दिया? क्यों नहीं होने दिया? कांग्रेस बताएं कि 2004 से 2014 तक UPA की सरकार थी, उस समय बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं मिला? 

उन्होंने नीतीश कुमार की पहल पर निशाना साधते हुए कहा कि, Inter Ministerial Group तथा रघुराम राजन समिति का गठन कांग्रेस सरकार द्वारा बिहार की माँग पर विचार करने हेतु किया गया था। दोनों समिति ने विशेष राज्य की दर्जे की मांग को अस्वीकार कर दिया। 2002 के बाद देश में किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया है।भाजपा विशेष राज्य के खिलाफ नहीं है, परन्तु अब यह अवधारणा ही समाप्त हो गई। 14वें और 15वें वित्त आयोग ने विशेष राज्य के दर्जे की अवधारणा को ही समाप्त कर दिया। प्रधान मंत्री ने विशेष राज्य से जितनी मदद मिलती उससे ज्यादा बिहार को 1.5 लाख करोड़ के पैकेज के माध्यम से दिया है। 

सुशील मोदी ने कहा कि, बालू और शराब माफिया को सत्ता का संरक्षण मिलना बंद हो जाए तो बिहार को 20 हजार करोड़ की अतिरिक्त मदद मिल सकती हैं। चुनाव के मौके पर यह माँग एक चुनावी स्टंट है। बिहार की जनता इन लोगों को पहचान चुकी है। यह भी एक मिथक है कि विशेष राज्य के दर्जे से ही बिहार विकसित बन सकता है। जिन राज्यों को मिला वे कहाँ विकसित हो पाए। देश के विकसित राज्य बिना विशेष दर्जे के विकसित बन गए। राज्य यदि 2.5 लाख प्रत्येक गरीब परिवार को देना चाहता है तो यह भी सुनिश्चित करें कि पैसा कहां से आएगा। लोगों को नियुक्ति पत्र बाँट रहे हैं, परन्तु पैसे का ठिकाना नहीं और फिर ठीकरा केंद्र पर फोड़ेंगे।

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