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बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने सीएम नीतीश पर कसा तंज, कहा- न सीएम केंद्र में जाएंगे, न तेजस्वी के लिए कुर्सी छोड़ेंगे

बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने सीएम नीतीश पर कसा तंज, कहा- न सीएम केंद्र में जाएंगे, न तेजस्वी के लिए कुर्सी छोड़ेंगे

PATNA: लोकसभा चुनाव होने में अब कुछ ही महीने बचे हैं। ऐसे में बिहार के साथ-साथ देश की सियासत में हलचल है। पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वहीं लोकसभा चुनाव में केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए सभी विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर इंडिया गठबंधन का निर्माण किया है। लेकिन इस गठबंधन का संयोजक और प्रधानमंंत्री उम्मीदवार कौन होगा, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। एक तरफ जहां जदयू का कहना है कि नीतीश कुमार ही प्रधानमंत्री बनेंगे। वहीं गठबंधन में जुड़े अन्य नेताओं को यह रास नहीं आ रहा है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने राहुल गांधी को पीएम प्रत्याशी बताया है। जिसे लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में जातीय सर्वे करा लेने के बाद जदयू को लगा कि इससे नीतीश कुमार का कद बढेगा और कांग्रेस-वर्चस्व वाला इंडी गठबंधन उन्हें  पीएम-प्रत्याशी मान लेगा, लेकिन राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम लेकर शशि थरूर ने गुब्बारे की हवा निकाल दी। 

मोदी ने कहा कि विपक्ष में प्रधानमंत्री -पद के लिए लड़ाई अभी से शुरू हो गई है और सीट-शेयरिंग तक बात पहुंचने पर इनका कुनबा बिखर जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष की मुम्बई बैठक में सीट-शेयरिंग पर जल्द निर्णय करने का फैसला हुआ था, लेकिन हालत यह है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, सपा और 'आप' कई सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं। थरूर ने कांग्रेस के मन की बात कह दी, जिससे जदयू और राजद दोनों को बड़ा झटका लगा- न नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति में जाएंगे, न बिहार में तेजस्वी यादव के लिए कुर्सी खाली करेंगे।

 उन्होंने कहा कि विपक्ष की समन्वय समिति की 13 सितम्बर की दिल्ली बैठक के महीने-भर बाद भी न कोई बैठक हुई, न अगली तारीख तय हुई। जो तीन वर्किंग ग्रुप बने थे, उनकी बैठकें भी नहीं हुईं। 14 सदस्यों वाली समन्वय समिति के लिए माकपा ने अभी तक अपना प्रतिनिधि तय नहीं किया है। कांग्रेस के एकतरफा फैसले से विपक्ष की जो भोपाल रैली स्थगित हुई, उसकी भी कोई अगली तारीख तय नहीं हो पायी। 

मोदी ने कहा कि जो 24 विपक्षी दल 4  उच्चस्तरीय बैठकों के बाद न नेतृत्व तय कर सके और न सीट साझा करने पर सहमति बना पाये, वे केवल प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करने के नकारात्मक मुद्दे पर देश का भरोसा नहीं जीत सकते। 

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