बीजेपी के शत्रु का फिर छलका दर्द: कहा-कैबिनेट मंत्री का था वादा, टीवी ऐक्ट्रेस को दिया गया

MUMBAI : भारतीय जनता पार्टी के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने दोस्तों कमल हासन और रजनीकांत को सलाह देने के बहाने आखिरकार अपना दर्द बयान किया है। अपने जमाने के स्टार रहे शॉटगन की नाराजगी बीजेपी से किस लिए है, इस बात का दबे-छिपे शब्दों में उन्होंने जवाब दे दिया है। उन्होंने कहा, मेरी पार्टी में मेरे साथ किस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, उसे देखिए। मुझे बताया गया था कि मुझे कैबिनेट पद दिया जाएगा लेकिन इसके बजाए एक टीवी अभिनेत्री को कैबिनेट पद दिया गया। मेरे साथ भेदभाव किया गया, मेरा अपमान किया गया।
शत्रु
ने बीजेपी में उनसे किए जा रहे व्यवहार का हवाला देते हुए अप्रत्यक्ष रूप से
पार्टी में एक टीवी अभिनेत्री के बढ़ते कद से नाराजगी का इजहार किया है। उन्होंने कहा है कि
उनके साथ भेदभाव किया गया है। माना जा रहा है कि उनका इशारा केंद्रीय मंत्री
स्मृति इरानी की ओर है। उन्होंने कमल और
रजनी को सलाह देते हुए कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों ने राजनीति में प्रवेश
करने से पहले अपने राजनीतिक आधार पर काफी सोच-विचार किया होगा। उन्होंने आगे कहा, उम्मीद है कि मैं
गलत हूं क्योंकि राजनीति कोई आसान काम नहीं है। हालांकि मुझे ऐसा लगता तो नहीं है।
उन्होंने
कहा, हम कलाकारों को भीड़ खींचने के लिए राजनीति में लाया जाता है
लेकिन जब हम उस भीड़ को पार्टी से जोड़ देते हैं तो पार्टी हमारी लोकप्रियता देखकर
खुद को असुरक्षित महसूस करती है। यह बहुत ही पेचीदा स्थिति है।
कमल
और रजनी को राजनीति की दुनिया के उसूल समझाते हुए उन्होंने कहा कि अभिनेता ग्लैमर
की दुनिया से आते हैं। वे ग्लैमर के आदी हैं। राजनीति में बहुत ताकत है और ताकत
बेहद ग्लैमरस है। अभिनेता अपना ग्लैमर और प्रसिद्धि बढ़ाने की उम्मीद से राजनीति
में आते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि राजनीति उम्मीदों से परे है। यह पूछने पर कि
क्या रजनीकांत ने राजनीति में कदम रखने को लेकर उनकी सलाह ली थी? उन्होंने कहा, ‘नहीं, रजनी ने मुझसे
सलाह नहीं ली। अगर वह मुझसे इस बारे में पूछते तो मैं इसके विपरीत सलाह देता।' उन्होंने कहा कि
तमिलनाडु की राजनीति में एम.के स्टालिन का आधार काफी मजबूत है। उन्होंने लोगों के
लिए बहुत काम किया है। रजनी स्टालिन की साख को नकार नहीं सकते। उन्होंने कहा, रजनी ‘आध्यात्मिक
राजनीति’ पर बोलते हैं। ऐसे समय में जब घोटालेबाज देश का अरबों रुपयों
लेकर विदेश भाग रहे हैं, आप आध्यात्मिकता से राजनीति नहीं बदल सकते।