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जवाब दे भाजपा ! कैलाशपति मिश्र का यह सम्मान है अपमान ... जदयू ने तस्वीर दिखाकर BJP को घेरा

 जवाब दे भाजपा ! कैलाशपति मिश्र का यह सम्मान है अपमान ... जदयू ने तस्वीर दिखाकर BJP को घेरा

पटना. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बिहार आगमन के पहले जदयू ने भाजपा को एक तस्वीर दिखाकर पूछा है कि कैलाशपति मिश्र का यह कैसा सम्मान है. बिहार भाजपा भीष्मपितामह कहे जाने वाले कैलाशपति मिश्र की गुरुवार को 100 वीं जयंती है. उनकी जयंती पर पटना में भाजपा द्वारा भव्य कार्यक्रम किया जा रहा है जिसमें जेपी नड्डा शामिल हो रहे हैं. इस बीच जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने एक तस्वीर दिखाकर पूछा है कि भाजपा यह स्पष्ट करे कि वह कैलाशपति मिश्र का अपमान कर रही है या यह  सम्मान है. 

दरअसल, कैलाशपति मिश्र के बक्सर स्थित पैतृक गांव दूधारचक में भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे द्वारा मिश्र के स्मरण में कुछ वर्ष पूर्व पौधारोपण किया गया था. नीरज का दावा है कि जहाँ पौधारोपण हुआ वह सुखकर ठूंठ हो चुका है. अब वहां सिर्फ अश्विनी चौबे के नाम का नेमप्लेट ही शेष बचा है. नीरज ने इसी पर भाजपा से सवाल किया है कि कैलाशपति मिश्र यह कैसा सम्मान है कि उनके यहां लगाए गए पेड़ को भी बीजेपी हरा नहीं रख पाई है. 

भाजपा और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को निशाने पर लेते हुए नीरज कुमार ने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘श्रद्धेय कैलाशपति मिश्र के पैतृक गाँव दूधारचक, पंचायत खुटहा, प्रखण्ड बक्सर सदर को केन्द्रीय राज्यमंत्री व स्थानीय सांसद ने गाँव को गोद लिया था और स्मृति में पेड़ लगाया था। क्या हुआ, पेड़ सूखा। गुनहगार कौन? अपमान है या सम्मान- स्पष्ट करें।‘ 

कौन थे कैलाशपति मिश्र : बिहार में जनसंघ और बाद में भाजपा को जमीनी स्तर पर सशक्त तथा विस्तारित करने में कैलाशपति मिश्र ने अहम भूमिका निभाई थी. कैलाशपति मिश्र ने 1971 का लोकसभा चुनाव जनसंघ के टिकट पर पटना से लड़ा, पर हार गये. वर्ष 1977 में बिक्रम सीट से बिहार विधानसभा चुनाव जीता. जब 1980 में भाजपा की स्थापना हुई, तब वह भाजपा की बिहार इकाई के पहले अध्यक्ष बने. उन्होंने 1995 से 2003 तक भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया. वर्ष 2003 में उन्हें गुजरात का राज्यपाल नियुक्त किया गया, वे राजस्थान के कार्यवाहक राज्यपाल भी रहे.

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