JDU के संपर्क में BJP उपाध्यक्ष सह मीडिया इंचार्ज ? 'नीतीश' की भाषा बोल भाजपा के अभियान की हवा निकालने में जुटे

PATNA: बिहार में जहरीली शराब के मुद्दे पर नीतीश सरकार घिर गई है। इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दल भाजपा ने विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में जमकर हंगामा किया और सदन को चलने नहीं दिया. सदन के बाद अब सड़क पर भी भाजपा आंदोलन कर रही है। बीजेपी ने ऐलान कर दिया है कि जहरीली शराब कांड में मृतक के आश्रितों को मुआवजा दिलाकर रहेंगे। फेल हो चुकी शराबबंदी व मुआवजे की मांग को लेकर आज विधानमंडल के सदस्य विस परिसर में धरना पर बैठे हैं. लेकिन भाजपा के इस अभियान को अपने ही नेता ने पलीता लगा दिया है। बिहार बीजेपी के उपाध्यक्ष ने सीएम नीतीश की भाषा बोलते हुए अलग राह अख्तियार कर नेतृत्व को परेशानी में डाल दिया है। प्रदेश उपाध्यक्ष ने जेडीयू की बोली उस समय बोला जब बीजेपी राष्ट्रीय संगठन महामंत्री व अन्य वरिष्ठ नेता पटना में हैं। उपाध्यक्ष सह राज्य के मीडिया इंचार्ज पूर्व विधायक राजीव रंजन के पार्टी विरोधी रूख से दल के अंदर भारी आक्रोश है।खबर है कि वे पुराने घर लौटने वाले हैं. लिहाजा वे दल से बाहर जाने का बहाना ढूंढ रहे. हालांकि नेतृत्व की तरफ से अभी इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। 

भाजपा की मांग को उनके ही नेता ने गलत ठहरा दिया

बिहार बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रदेश मीडिया इंचार्ज राजीव रंजन ने जहरीली शराब कांड में मृतक के आश्रितों को मुआवजे की मांग को गलत ठहरा दिया है। यही बात सत्ताधारी जेडीयू भी कह रही है। सीएम नीतीश कुमार ने साफ कहा है कि जहरीली शराब से मृतक के आश्रितों को मुआवजा किसी कीमत पर नहीं देंगे। लेकिन भाजपा इस मुद्दे पर नीतीश कुमार का विरोध कर रही है। इस मुद्दे पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन सीएम नीतीश के साथ हो लिए हैं. राजीव रंजन ने यह बात उस समय कही है जब भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष, राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता पटना में हैं. राजीव रंजन ने दल के निर्णय के खिलाफ जाने के लिए  खास समय को चुना . उन्होंने बजाप्ता प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जेडीयू की भाषा बोली है। अपने ही नेता के इस बयान से भाजपा नेतृत्व बैकफुट पर है। 

पाला बदलने की तैयारी में भाजपा के मीडिया इंचार्ज 

बिहार बीजेपी के कई नेताओं ने अपरोक्ष तौर पर इस पर आपत्ति जताई है। कहा है कि लगता है कि राजीव रंजन फिर से पुराने घऱ में लौटने वाले हैं. वैसे भी हाल ही में राजीव रंजन नालंदा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिल चुके हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन जेडीयू नेतृत्व की गाड़ी में ही बैठकर वापस पटना लौटे थे. कहा जा रहा कि इस तमाम बातों की जानकारी भाजपा नेतृतव को भी है. अब मुआवजे को लेकर भाजपा मीडिया इंचार्ज के इस बयान से दल के नेताओं को विश्वास हो गया है कि राजीव रंजन पार्टी से बाहर जाने का रास्ता तलाश रहे। भाजपा नेताओं ने अपरोक्ष तौर पर कहा कि ये काफी समय से विरोधी दल के नेताओं से संपर्क में हैं. जेडीयू के इशारे पर ही राजीव रंजन ने पार्टी लाईन से बाहर जाकर ये बातें कही हैं। अब देखना होगा कि भाजपा नेतृत्व अपने प्रदेश उपाध्यक्ष द्वारा सीमा लांघे जाने पर क्या कार्रवाई करता है। हालांकि राजीव रंजन से इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश की गई लेकिन वे फोन ही रिसीव नहीं कर रहे।बता दें, राजीव रंजन पहले जेडीयू से विधायक रहे हैं. वे सीएम नीतीश के गृह जिले नालंदा से हैं और उनके काफी करीबी रहे हैं. पूर्व सीएम मांझी प्रकरण में राजीव रंजन का नीतीश कुमार से मोह भंग हो गया था। इसके बाद अगस्त 2015 में भाजपा में शामिल हो गये. भाजपा नेतृत्व ने वर्तमान में इन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ-साथ प्रदेश मीडिया इंचार्ज की जिम्मेदारी दे रखा है।  

Nsmch
NIHER

बीजेपी उपाध्यक्ष ने क्या कहा है?

भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व पिछड़े समाज के नेता राजीव रंजन ने आज निजी बयान जारी कर जहरीली शराब से मरने वाले लोगों को मुआवजा देने की मांग को गलत बताया. उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि जहरीली शराब से लोगों की हुई मौत दुर्भाग्यपूर्ण है और इसके दोषी लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. लेकिन इसमें भी कोई दो राय नहीं होनी चाहिए कि शराबबंदी कानून के मुताबिक शराब बेचने के साथ-साथ शराब पीना भी अपराध की श्रेणी में आता है. ऐसे में सवाल उठता है कि जान बुझ कर कानून तोड़ने पर किसी को मुआवजा कैसे दिया जा सकता है?

उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से मौत कोई नयी बात नहीं है. वास्तव में इस प्रकार की मौतों को होने रोकना, बिहार में शराबबंदी लागू करने के उद्देश्यों में से एक था. इसके बावजूद यदि कोई शख्स शराब पीता है तो यह सोच समझ कर किया गया आपराधिक कृत्य है. यदि आज इस मामले में मुआवजा दिया गया तो कल इसके आधार पर हत्या और लूट जैसे घृणित अपराध करने वाले अपराधी भी मुआवजा मांगने लगेंगे. कहा कि आपराधिक कृत्यों में मुआवजे की मांग एक गलत परिपाटी को जन्म देगी. शराब पीने वाले लोग इसे बीमा की तरह लेने लगेंगे और इससे इस तरह के मामलों में बढ़ोतरी होगी. इसीलिए इस तरह के मामलो में मुआवजे की मांग करने वाले नेताओं को समझना चाहिए कि उनकी मांग अनुचित है. 

खजूरबन्नी कांड की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने नियम बनाया था कि जहरीली शराब से मौत होने पर दोषियों से जुर्माना लेकर भुक्तभोगियों के परिजनों के जीवकोपार्जन के लिए पैसा दिया जाएगा. लेकिन खजूरबन्नी में ऐसे ही मुआवजा बांट दिए जाने की गलती के कारण आज इस तरह की घटना होने पर हर जगह मुआवजा देने की मांग उठने लगी है. सरकार को चाहिए कि नियमों को तोड़कर खजूरबन्नी में मुआवजा देने वाले अधिकारी पर कारवाई करे. जहरीली शराब से मरने वालों के प्रति संवेदना जताते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि जहरीली शराब के कारण मरने पर पैसा देने का प्रावधान जरुर बंद हो, लेकिन सरकार को मरने वालों के परिजनों को जरुर देखना चाहिए. जरुरतमन्द परिवारों के जीवकोपार्जन के लिए सरकार को कदम उठाने चहिये लेकिन मुआवजे के तौर पर नहीं.