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BREAKING : जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह को कोर्ट ने सुनाई सात साल की सजा, जौनपुर से चुनाव लड़ने का किया था ऐलान

BREAKING : जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह को कोर्ट ने सुनाई सात साल की सजा, जौनपुर से चुनाव लड़ने का किया था ऐलान

DESK. जौनपुर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाले बाहुबली धनंजय सिंह को बुधवार को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह को सात साल की सजा सुनाई गई है.साल 2020 में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण और रंगदारी मामले में जौनपुर की MP-MLA कोर्ट ने बाहुबली धनंजय सिंह को सात साल की सजा सुनाई है.  उन्हें एक दिन पहले ही कोर्ट ने इस मामले में दोषी करार दिया था. साथ ही पूर्व सांसद को जेल भी भेज दिया गया था. अब उन्हें 7 साल की सजा सुनाई गई है. इससे जदयू नेता को बड़ा झटका लगा है. बाहुबली धनंजय सिंह इसके पहले भी कई गंभीर मामलों में आरोपी रहे हैं. उनके खिलाफ यूपी पुलिस पहले भी अभियान चला चुकी है. पिछले विधानसभा चुनाव में धनंजय सिंह ने जदयू के टिकट पर किस्मत आजमाया था लेकिन सफल नहीं रहे थे. 

नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल का करीब तीन साल दस महीने पहले अपहरण कराने, रंगदारी मांगने और गालीगलौज कर धमकाने के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह और सहयोगी संतोष विक्रम सिंह को आज सजा सुनाई. मैनेजर ने आरोप लगाया था कि संतोष विक्रम ने दो साथियों के साथ मेरा अपहरण किया और धनंजय के पास लेकर गए थे। यहां धनंजय सिंह ने पिस्टल दिखाते हुए गालियां दी थीं। मुझे सड़क में कम गुणवत्ता वाली सामग्री लगाने के लिए कहा और मुझसे रंगदारी मांगी थी। मुझे धमकियां दीं और डराया गया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमएलए- एमपी कोर्ट चतुर्थ शरद कुमार त्रिपाठी की अदालत फैसला सुनाते हुए पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उसके साथी संतोष विक्रम सिंह को न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया और दोषी करार करते हुए सजा के लिए छह मार्च बुधवार की तारीख तय कर दी। अब उन्हें इसी मामले में 7 साल की सजा सुनाई गई है. 

27 साल की उम्र बने विधायक : 6 जुलाई 1975 को जन्में धनंजय सिंह ने लखनऊ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है. इसके बाद जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है. वह 27 साल की उम्र में साल 2002 में पहली बार निर्दलीय यूपी विधानसभा चुनाव लड़े थे और जीते. इसके बाद 2007 में जदयू के टिकट पर विधायक बने. 2009 में बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा और अच्छे-खासे वोट से जीतकर संसद में पहुंचे.

तीन शादियां: धनंजय सिंह ने कुल तीन शादियां कीं. पहली पत्नी ने शादी के करीब 9 महीने बाद ही संदिग्ध परिस्थियों में सुसाइड कर लिया था. फिर डॉक्टर जागृति सिंह से दूसरी शादी की. डॉक्टर जागृति अपनी नौकरानी की हत्या के आरोप में 2013 में जेल भी गईं. बाद में धनंजय और जागृति का तलाक हो गया. धनंजय सिंह ने साल 2017 श्रीकला रेड्डी से तीसरी शादी की. दोनों ने पेरिस में आलीशान तरीके से शादी रचाई थी. श्रीकला रेड्डी, निप्पो बैट्री बनाने वाली तेलंगाना की बिजनेस फैमिली से आती हैं और फिलहाल जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं.

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