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BREAKING : पशुपति पारस ने मंत्री पद दिया इस्तीफा, जानिए लोकसभा चुनाव राजद संग मिलकर लड़ने पर क्या है प्लान

BREAKING : पशुपति पारस ने मंत्री पद दिया इस्तीफा,  जानिए लोकसभा चुनाव राजद संग मिलकर लड़ने पर क्या है प्लान

पटना/दिल्ली. पशुपति पारस ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में एनडीए में हुए सीट बंटवारे में पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं मिली थी. इसके बाद से ही उनके एनडीए छोड़ने के आसार बन रहे थे. दिल्ली में पशुपति ने कहा कि वे एनडीए के साथ वफादारी से रहे लेकिन उन्हें लोकसभा चुनाव में दरकिनार किया गया. हमें एक भी सीट नहीं दी गई. इसलिए अब हमने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि एनडीए से अलग होने पर उन्होंने कुछ नहीं कहा. 

उन्होंने कहा कि मेरे साथ नाइंसाफी हुई है. हमने लोकसभा चुनाव एनडीए के साथ मिलकर लड़ने की योजना बनाई थी. लेकिन हमारे साथ नाइंसाफी हुई है. इसलिए अब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. अपने आगे के सियासी प्लान को लेकर उन्होंने कहा कि वे जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे. राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर बिहार में चुनाव लड़ने के सवाल को पशुपति ने टालते हुए कहा कि वे जल्द ही आगे की घोषणा करेंगे. पहले माना जा रहा था कि राजद-कांग्रेस संग महागठबंधन में पशुपति पारस शामिल होंगे. लेकिन सम्भवतः दोनों के बीच अभी तक कोई बात नहीं बनने के कारण उन्होंने राजद संग जाने के सवाल को टाल दिया. 

पशुपति पारस की पार्टी के पास पांच सांसद थे. पशुपति खुद हाजीपुर से सांसद हैं जबकि उनके भतीजे प्रिंस पासवान समस्तीपुर से, बाहुबली सूरजभान सिंह के भाई चंदन सिंह ने नवादा से चुनाव जीता था जबकि वैशाली से वीणा देवी और खगड़िया से महबूब अली कैसर ने जीत हासिल की थी. हालांकि बदले सियासी समीकरण में वैशाली सांसद वीणा देवी और खगड़िया सांसद महबूब अली कैसर दोनों ही पशुपति पारस के भतीजे और दिवंगत रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के समर्थन में जा चुके हैं. वहीं एनडीए में सीट बंटवारे में हाजीपुर, वैशाली, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई लोकसभा सीटें चिराग पासवान को दी गई हैं. इससे पशुपति पारस और उनके साथ के दोनों सांसदों प्रिंस और चंदन को बड़ा झटका लगा है. अब पशुपति पारस की अगली सियासी रणनीति क्या होगी यह राजद और कांग्रेस पर निर्भर है जिनसे समझौता होने पर ही पशुपति को महागठबंधन में जगह मिल सकती है.

वहीं पशुपति पारस ने पहले ही घोषणा कर रखी है कि वे हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे. दूसरी ओर उनके भतीजे चिराग पासवान यहां से चुनाव लड़ने की ऐलान भी कर चुके हैं और उन्हें एनडीए ने हाजीपुर सहित पांच सीटें भी दे दी हैं. ऐसे में न तो एनडीए में जगह मिलने और ना ही महागठबंधन से अभी तक कुछ भी सकारात्मक संकेत मिलने से पशुपति पारस की सियासी नैया भंवर में फंस चुकी है. इसलिए अब पशुपति ने कहा है कि वे कार्यकर्ताओं संग आगे की रणनीति तय करेंगे.  


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