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BREAKING : जाति गणना पर बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस, देना होगा जवाब, जानिए कोर्ट ने क्या कहा

BREAKING : जाति गणना पर बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस, देना होगा जवाब, जानिए कोर्ट ने क्या कहा

पटना/दिल्ली. जाति गणना रिपोर्ट जारी करने  वाली बिहार की नीतीश सरकार को सुप्रीम कोर्ट से नोटिस जारी हुआ है. जातीय गणना से जुड़े मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है. नोटिस का जवाब देने के लिए बिहार सरकार को चार सप्ताह का समय दिया गया. साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई अब जनवरी 2024 में होगी. वहीं कोर्ट ने याचिकाकर्ता को बड़ा झटका देते हुए कहा कि हम किसी भी सरकार को नीति बनाने से नहीं रोक सकते हैं. ऐसे में बिहार सरकार ने जो जातिगत डेटा लिया है उसे वह गोपनीय जरुर रखे. 

इस मामले में शीर्ष अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख जनवरी 2024 तय की है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की कि देश में जातीय गणना को लेकर व्यापक चर्चा की जरूरत है. इसलिए इसके तमाम पहलुओं पर चर्चा होनी चाहिए. इसमें अब बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी नोटिस का 4 सप्ताह में जवाब देना होगा. बाद में जब अगले वर्ष जनवरी 2024 में इसकी सुनवाई होगी तब कोर्ट इस मामले में कोई खास आदेश या निर्देश दे सकता है.

दरअसल, बिहार सरकार ने जब 2 अक्टूबर को जातीय गणना सर्वे की रिपोर्ट जारी की तो इसके अगले दिन याचिकाकर्ता ने कोर्ट से इस मामले में सुनवाई की अपील की थी. हालांकि कोर्ट ने साफ किया था कि पूर्व से सूचीबद्ध तिथि के अनुसार 6 अक्टूबर को ही सुनवाई होगी. वहीं इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने सर्वे के आंकड़ों को जारी करने पर कोई रोक नहीं लगाई थी. अदालत का कहना था कि विस्तृत सुनवाई के बाद ही रोक का आदेश जारी किया जाएगा. इस बीच सर्वे रिपोर्ट जारी होने के बाद भी कोर्ट ने 3 अक्टूबर को त्वरित सुनवाई से मना कर दिया था. 


 बिहार में जातीय गणना के खिलाफ गैर-सरकारी संगठनों 'यूथ फॉर इक्वेलिटी' और 'एक सोच एक प्रयास' ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. हालांकि पहले पटना हाईकोर्ट और फिर सुप्रीमकोर्ट ने याचिकाकर्ता को झटका देते हुए बिहार में जातीय गणना पर रोक लगाने से मना कर दिया. वहीं अब कोर्ट ने रिपोर्ट जारी होने के बाद भी इस मामले में नोटिस जारी करते हुए इसकी अगली सुनवाई जनवरी 2024 तय कर दी है. 

बिहार में जातीय गणना सर्वे के अनुसार अति पिछड़े वर्ग की संख्या 36.01 फीसदी है. वहीं पिछड़े वर्ग की आबादी 27.13 फीसदी, अनुसूचित जाति 19.65 फीसदी, अनुसूचति जनजाति 1.68 फीसदी और सामान्य वर्ग की आबादी 15.52 फीसदी है. इसमें  हिंदुओं की आबादी 81.99 फीसदी जबकि मुस्लिम 17.70 फीसदी है.
 

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