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बिहार में मायावती बिगाड़ेगी महागठबंधन का खेल, बीएसपी ने 40 सीटों पर उतारे उम्मीदवार

बिहार में मायावती बिगाड़ेगी महागठबंधन का खेल, बीएसपी ने 40 सीटों पर उतारे उम्मीदवार

PATNA : बिहार में मायावती की पार्टी बीएसपी महागठबंधन का खेल बिगाड़ने जा रही है। बीएसपी ने बिहार के सभी 40 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारा है। मायावती महागठबंधन के आधार वोट वाले उम्मीदवारों को खास कर टिकट दे रही है। बीएसपी बिहार में पिछड़ी जाति और मुस्लिम उम्मीदवारों पर फोकस कर रही है। जो कि महागठबंधन का आधार वोट माना जाता रहा है। 

बीएसपी ने महाराजगंज से लालू यादव के छोटे साले पूर्व सांसद साधु यादव को मैदान में उतारा है। वहां के महागठबंधन के प्रत्याशी रंधीर सिंह हैं जिनको यादव मुस्लिम समीकरण पर भरोसा है। ऐसे में महाराजगंज में साधु महागठबंधन के प्रत्याशी को ही नुकसान पहुंचाएंगे।

मोतीहारी से बीएसपी ने जेडीयू के पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल सहनी को टिकट दिया है। मुजफ्फरपुर से भी स्वर्णलता सहनी को बीएसपी ने मैदान में उतारा है। बीएसपी के दोनों उम्मीदवार मल्लाह समाज से आते हैं जिसपर इस महागठबंधन के मुकेश सहनी अपना दावा कर रहे हैं। ऐसे में मोतीहारी और मुजफ्फऱपुर में बीएसपी उम्मीदवार महागठबंधन को ही नुकसान पहुंचाएंगे।

ऐसे ही भागलपुर में बीएसपी का मुस्लिम उम्मीदवार महागठबंधन का खेल बिगाड़ रहा है।  सीतामढ़ी,खगड़िया, मधुबनी, दरभंगा और झंझारपुर में भी बीएसपी मजबूती से चुनाव लड़ रही है। बताया जाता है कि पहले चरण के चुनाव में औरंगाबाद में भी बीएसपी उम्मीदवार रामनरेश यादव ने महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया है। 

विधानसभा चुनाव में तो बसपा को कामयाबी मिलती रही है लेकिन उसने अभी तक लोकसभा चुनाव में कोई खास प्रदर्शन नहीं किया है। लगातार हार के बाद भी मायावती बिहार में अपनी जमीन बनाने की कोशिश छोड़ नहीं रहीं। यूपी से सटे बिहार के गोपालगंज, कैमूर, रोहतास, बक्सर और पूर्वी चम्पारण में बसपा का असर है। पिछले लोकसभा चुनाव में गोपालगंज से जीतने वाले भाजपा प्रत्याशी जनक राम पहले बसपा में ही थे। इन जिलों में बसपा जो भी वोट हासिल करेगी उससे राजद, कांग्रेस और सहयोगी दलों का ही वोट कटेगा। महागठबंधन भी दलित वोटरों को अपने पाले में मान रहा है। ऐसे में बीएसपी के मैदान में उतरने से बिहार में महागठबंधन को नुकसान हो सकता है।

बता दें कि 15 जनवरी 2019 को जब मायावती का जन्मदिन मनाया जा रहा था तब राजद नेता तेजस्वी यादव उनको बधाई देने के लिए गये थे। इस मौके पर तेजस्वी यादव ने मायावती से राजनीतिक मुद्दों पर भी बात की थी। खबरों के मुताबिक उस समय तेजस्वी ने मायावती को बिहार में गठबंधन करने का प्रस्ताव दिया था जिसे उन्होंने इंकार कर दिया था।


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