बीटीएमसी ने 80 लाख रूपये जुर्माना को लेकर दी सफाई, जानिए क्या है पूरा मामला

GAYA : बीटीएमसी पर गृह मंत्रालय की ओर से 80 लाख रूपये जुर्माना को लेकर कहा गया है की वर्ष 2017 से 2022 के बीच में एनुअल रिटर्न दायर नहीं होने के कारण यह जुर्माना लगा है। चूंकि बीटीएमसी ऑटोनॉमस संस्थान है, ऑटोनोमस संस्थान, जो राज्य सरकार द्वारा संचालित है, उसका एनुअल रिटर्नस दायर करने पर माफ होता है। 

उसी आधार पर वर्ष 2017 से 2022 के बीच का एनुअल रिटर्न का माफ पत्र लगातार भेजा गया था, लेकिन गृह मंत्रालय इसको स्वीकार नहीं किया और एफसीआरए निबंधन कराने की हित मे तत्काल राशि भुगतान बीटीएमसी द्वारा कर दी गयी, क्योंकि एफसीआरए रिन्यूअल (नवीकरण) करना जरूरी था। गृह विभाग द्वारा 4 सितंबर 2023 को अंतिम डेड लाइन दिया गया था। इसके बाद बीटीएमसी फाइन के रूप में जमा किये गए 80 लाख रुपये वापस लेने की विधिवत पहल करेगी।

बता दें की महाबोधि मंदिर प्रबन्धकारिणी समिति (बीटीएमसी) पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फॉरेन कैरेन्सी रेग्यूलेटरी एक्ट तहत 80 लाख रुपए का जुर्माना किया है। समय से एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल नहीं कराने और विदेशी मुद्रा दान का रिटर्न नहीं भरने पर केंद्रीय गृह विभाग ने जुर्माना किया। मामला यह है कि महाबोधि मंदिर की आमदनी में करीब 60 फीसदी दान विदेशी मुद्रा से आता है। 

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महाबोधि मंदिर को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए विदेशी मुद्रा दान मिलती है। बीटीएमसी पिछले तीन वर्षों से एफसीआरए का रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल नहीं कराया है और उसका रिटर्न भी नहीं जमा किया है। फॉरेन कैरेन्सी रेग्यूलेटरी एक्ट के मानको पर खरा नहीं उतरने की वजह से गृह मंत्रालय ने जुर्माना लगाया है। बीटीएमसी की लापरवाही के करण मंदिर को करोड़ों का नुकसान हो रहा है।