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Buxer news: जेल के अंदर लगता है मेला, वर्ष में एक बार खुलता है जेल का दरवाजा, जानें कब से चली आ रही यह परंपरा

Buxer news: जेल के अंदर लगता है मेला, वर्ष में एक बार खुलता है जेल का दरवाजा, जानें कब से चली आ रही यह परंपरा

Buxer news-वैदिक काल से ही बक्सर की धरती अध्यात्म और धर्म की दृष्टि से अपनी पावनता के लिए विख्यात है। यहाँ हजारों ऋषि- मुनियों ने तपस्या की, सिद्धि पाई। विस्वामित्र द्वारा स्थापित बक्सर की यह धरती भगवान विष्णु के अवतार श्री राम जी शिक्षा स्थली भी रही है तो कालांतर में भगवान ने वामन अवतार भी यही लिया था। आज वामन जयंती है। वामन जयंती पर बक्सर में उमड़ने वाली भीड़ बक्सर की महत्ता को स्वयं ही बयां कर देती है।


वामन जयंती पर श्रवण नक्षत्र का बन रहा योग

पंडित बबलू उपाध्याय की माने तो प्रतिवर्ष भादो महीने के शुक्लपक्ष की एकादशी व द्वादशी तिथि को वामन जयंती मनाई जाती है। धर्मनिष्ठो की माने तो भगवान वामनदेव ने भाद्रपद की शुक्लपक्ष द्वादशी को श्रवण नक्षत्र में जन्म लिया था। ऐसे में यदि वामन जयंती श्रवण नक्षत्र में पड़ती है तो इसका महत्व बढ़ जाता है। 

बक्सर में अभी भी मौजूद है शिवलिंग

कहा जाता है 88 हजार ऋषि मुनि बक्सर की धरती पर तप किया करते थे। बक्सर की धरती पर भगवान विष्णु के दस अवतारों में से पांचवा अवतार बटुक वामन अवतार हुआ था। भगवान वामन द्वारा स्थापित शिवलिंग आज भी केंद्रीय कारा में स्थित है।


वामन भगवान का जन्मस्थान बंद है जेल के अंदर:

जिस जगह को भगवान वामन अवतरण का स्थान माना जाता है। वह केंद्रीय जल परिसर है जहां उनका मंदिर स्थापित है। जहां दर्शन पूजन के लिए दूर दूर से लोग पहुंचते है। लेकिन यहां दर्शन पूजन सेंट्रल जेल के जेलर के आदेश पर होता है।जिसको लेकर मंदिर परिसर में कई जगह नोटिस भी चिपकाया गया है। जेल परिसर में होने के कारण मंदिर का खुलने और बंद होने का समय निर्धारित किया गया है। मंदिर का गेट खुलने का समय सुबह 5 बजे से 11 बजे है। उसके बाद शाम में 3 बजे से आरती होने के समय तक मुख्य गेट खुला रहता है। नही तो बाकी समय में मुख्य गेट में मोटे मोटे ताले लगे होते है।


सेंट्रल जेल से मुक्ति को लेकर वामन चेतना मंच लड़ रहा है लड़ाई:

चेतना मंच के सदस्य प्रमोद चौबे ने बताया कि भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से एक बटुक वामन का अवतार बक्सर के सिद्धाश्रम में हुआ था, जो आज केंद्रीय कारागर परिसर में मौजूद है। उन्होंने बताया कि पूरे विश्व में यदि भगवान वामन का कहीं मन्दिर है तो वह बक्सर में है। उन्होंने बताया कि यह मंदिर बेहद पुराना है।यहां आस-पास में 250 वर्ष पुराना वृक्ष भी है।उन्होंने बताया कि अंग्रेजी हुकूमत के दौरान हीं यहां सेंट्रल जेल बना था, तो मंदिर का परिसर भी इसके अंदर चला गया। हालांकि, भगवान वामन के मन्दिर को जेल परिसर से मुक्त कराने के लिए कई सालों से वामन चेतना मंच लड़ाई लड़ रहा है, लेकिन अबतक इसे मुक्त नहीं किया जा सका है। जिससे श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होती है।


वामन द्वादशी पर लगता है भव्य मेला

वामन द्वादशी पर सेंट्रल जेल के आसपास भव्य मेला का आयोजन किया जाता है। विभिन्न प्रकार के झूलों के साथ तरह तरह की दुकानें सजाई जाती है। धार्मिक मान्यता है की वामन द्वादशी के दिन ही भगवान वामन ने अवतार लिया था।इस मौके पर तीन साल से वामन चेतना मंच द्वारा वामन भगवान की रथ यात्रा भी निकाली जाती है। जो बक्सर रामेश्वर नाथ मंदिर से शुरू होकर पूरे शहर का भ्रमण करते हुए सेंट्रल जेल परिसर में पहुंचती है। इस दिन लाखो की संख्या में भिड़ गंगा स्नान के बाद दर्शन पूजन के लिए उमड़ती है। जहां विधि व्यवस्था बनाने में जिला प्रशासन के अधिकारियों को पसीने छूट जाते है।


आज 15 सितंबर को होगा वामन द्वादशी 

बता दे की आज 15 सितंबर को वामन द्वादशी है, जिसको लेकर वामन चेतना मंच द्वारा मेले का आयोजन और रथ यात्रा को लेकर जोर शोर से तैयारी चल रही है।जिसकी जानकारी देते हुए वामन चेतन मंच के सदस्य प्रमोद चौबे ने कहा की हर साल की भाती इस साल भी भगवान वामन की रथ यात्रा निकाली जाएगी।इसके साथ ही मेले का भी आयोजन होगा।जिसको लेकर मंदिर प्रबंध समिति तैयारियो में जुटी हुई है।

रिपोर्ट- संदीप वर्मा

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