कैमूर में ओवरलोड वाहनों के खिलाफ चला अभियान, 3 दिनों में पकड़े गए 36 वाहन, 40 लाख रूपये राजस्व की हुई वसूली

KAIMUR : जिले में बालू लदे ओवरलोडेड वाहनों के परिचालन और प्रशासन की कार्रवाई चोर पुलिस की तरह होती रहती है। बालू माफिया बालू लदे ओवरलोड वाहनों को प्रशासन की नजरों से बचाकर पार कराने में लगे रहते हैं तो प्रशासन इन माफियाओं से नजर बचाकर ऐसे वाहनों की धरपकड़ करने में लगा रहता है। पिछले 3 दिनों में कैमूर डीटीओ, डीएसपी, एसडीएम और माइनिंग के संयुक्त कार्रवाई में कुल 36 वाहनों को पकड़ा गया। जिसमें 17 ओवरलोड वाहन मिले। इन वाहनों से माइनिंग और परिवहन विभाग को लगभग ₹40 लाख का राजस्व आया। कई वाहन कार्रवाई से बचने के लिए बीच सड़क पर ही बालू गिरा कर भागे। जहां स्थानीय पुलिस द्वारा जेसीबी से बालू साइड कर रास्ते को साफ कराकर परिचालन शुरू कराया गया।

ट्रक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि हम 5 महीने से गुहार लगा रहे हैं कि कैमूर में ओवरलोड गाड़ियां धड़ल्ले से चल रही है। इस पर रोक लगाईये। लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था। गाड़ियों के पार कराने के लिए अधिकारी मंथली लेते हैं। उसको मैंने गुहार लगाया फिर भी कार्रवाई नहीं हुआ। टोल टैक्स का सीसीटीवी चेक किया जा सकता है की कितनी गाड़ियां ओवरलोड चलती है।

जिला परिवहन पदाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया जिलाधिकारी के निर्देश पर विशेष अभियान चलाया जा रहा था। जिसमें 3 दिन के चले अभियान में 36 वाहनों को पकड़ा गया। इनसे समन की राशि वसूल की गई। इसमें 17 वाहन ओवरलोड मिले। जिन पर बालू लदा था। इस पकड़े गए एक वाहन से खनन और परिवहन का लगभग ₹40 लाख का राजस्व आता है। ओवरलोड वाहनों में सबसे अधिक बालू वाली गाड़ियां होती है। कुछ गाड़ियां गिट्टी, राख और अन्य सामग्री से लोड रहती है। 

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कल 24 घंटा में 12 गाड़ियों को पकड़ा गया। पकड़े गए ओवरलोड ट्रक से परिवहन को ₹9 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है और परिवहन और माइनिंग मिलाकर इन 12 गाड़ियों से लगभग ₹40 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ है। जब अभियान चलाया जाता है तो घबराहट में लोग कार्रवाई से बचने के लिए जहां तहां बालू गिरा कर भाग जाते हैं। उन पर माइनिंग कार्रवाई कर रहा है ।

कैमूर से देवब्रत की रिपोर्ट