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अभ्यर्थी अब इस विषय में फेल होने के बाद भी बन सकेंगे शिक्षक, BPSC ने दी बड़ी राहत, जानें क्या है यह बदलाव...

अभ्यर्थी अब इस विषय में फेल होने के बाद भी बन सकेंगे शिक्षक, BPSC ने दी बड़ी राहत, जानें क्या है यह बदलाव...

PATNA: बिहार लोक सेवा आयोग(BPSC) ने शिक्षक अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। आयोग ने रिजल्ट को लेकर बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के कारण क्लास 6 से 12 के शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए अब भाषा की परीक्षा को पास करना जरूरी नहीं होगा। वहीं 1 से 5 तक  के शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए भाषा की परीक्षा पास करना बहुत अहम होगा। 

दरअसल, बिहार लोक सेवा आयोग ने शिक्षक भर्ती परीक्षा में एक से पांचवीं कक्षा को छोड़कर अन्य सभी वर्गों के विषयों की परीक्षा में भाषा के लिए जरूरी अर्हता अंक को शून्य कर दिया गया है। आयोग ने पहले भाग में भाषा की 30 अंकों की परीक्षा में नौ अंक लाना अनिवार्य किया था। अब इसे हटा दिया गया है। नौ अंक सिर्फ क्वालीफाई के लिए रखा गया था। इसे पूरी तरह से शून्य कर दिया गया है। अब अभ्यर्थियों की मेधा सूची 120 अंकों पर बनेगी।

हालांकि,1 से 5 वीं कक्षा तक के अभ्यर्थियों के लिए भाषा की परीक्षा में पास होना जरूरी है। क्योंकि यह अंक उनके मेरिट लिस्ट में जुड़ेगा। मालूम हो कि, परीक्षा के बाद कुछ अभ्यर्थियों की ओर से सवाल उठाया गया था कि भाषा की परीक्षा में उर्दू व पर्शियन के एक भी सवाल नहीं पूछे गए थे। इसी वजह से आयोग ने सर्वसम्मति से 9 अंक की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया। 

वहीं बीपीएससी ने शिक्षक नियुक्ति परीक्षा के दूसरे चरण में सात दिसंबर को प्रधानाध्यापक के लिए आयोजित परीक्षा में प्रश्न संख्या 73 व 95 को हटा दिया है। वहीं, आठ दिसंबर को आयोजित पर्शियन के परीक्षा में छह प्रश्न को बीपीएससी ने हटा दिया है। पर्शियन में प्रश्न संख्या 77, 84, 98, 107, 136, 148 को हटाया गया है। बीपीएससी ने कहा है कि द्वितीय औपबंधिक आंसर की पर अगर किसी को आपत्ति है, तो 19 और 20 दिसंबर को साक्ष्य अपलोड करते हुए दर्ज करवाएं। 

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