जातीय गणना पर लगेगी रोक ! नीतीश सरकार के निर्णय पर पटना हाई कोर्ट में आज होगी अहम सुनवाई
 
                    पटना. बिहार में जाति गणना कराने के नीतीश सरकार के निर्णय पर मंगलवार को पटना हाई कोर्ट में अहम सुनवाई होगी. बिहार में जाति गणना होगी या नहीं इसे लेकर कोर्ट अपना महत्वपूर्व फैसला भी सुना सकता है. जातीय जनगणना का पहला फेज 7 जनवरी से 21 जनवरी तक पूरा हुआ है. जबकि 15 अप्रैल से दूसरे चरण की शुरुआत हुई है. इस बीच जातीय जनणगना के खिलाफ दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी.
जातीय गणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई से इनकार करते हुए इसे पहले पटना हाई कोर्ट ले जाने कहा था. उसी आधार पर सोमवार को मामले में सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हुई. लेकिन, सरकार की तरफ से काउंटर एफिडेविट जमा नहीं करने की वजह से इसपर मंगलवार को सुनवाई होगी. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केवी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई करेगी.
दरअसल, राज्य सरकार द्वारा राज्य में जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली अखिलेश कुमार व अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है।उन्होंने कहा कि ये सर्वेक्षण कराने का अधिकार राज्य सरकार को नही है। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार जातियों की गणना व आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है।उन्होनें ने बताया कि ये राज्य सरकार के क्षेत्रधिकार में नहीं आता है।
उन्होंने कहा कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है।ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है।उन्होंने बताया था कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पाँच सौ करोड़ रुपए खर्च कर रही है। राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल ने इसकी सुनवाई की योग्यता पर बुनियादी आपत्ति की थी।उन्होंने कहा कि ये याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।कोर्ट ने इस अमान्य करते हुए कहा था कि ये प्रावधानों के उल्लंघन और पाँच सौ करोड़ रुपए से सम्बंधित मामला है।
कोर्ट ने इस मामलें पर 2 मई,2023 को सुनवाई की नई तिथि निर्धारित की है। इस याचिकाकर्ता की ओर से दीनू कुमार व ऋतु राज और राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल पी के शाही कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत कर रहे हैं।
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                     
                    