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बिहार में आज से पूछी जाएगी जाति ... इन 17 सवालों के देने होंगे जवाब, आमदनी से पढाई तक सब कुछ बताना है

बिहार में आज से पूछी जाएगी जाति ... इन 17 सवालों के देने होंगे जवाब, आमदनी से पढाई तक सब कुछ बताना है

पटना. बिहार में जाति गणना का दूसरा चरण शनिवार से शुरू हो रहा है. इस चरण में लोगों से उनकी जातियां पूछी जाएगी. राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को साकार करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से एक एप भी तैयार किया गया है. वहीं जाति पूछने के लिए प्रगणक आज से घर घर पहुंचेगे. इसमें एक प्रगणक के जिम्मे देश सौ घरों में जाकर लोगों से उनकी जाति पूछने का काम सौंपा गया है. हालांकि प्रगणक को एक दिन में कितने घरों में गिनती करनी है इसका कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है. 

जाति गणना के लिए हर जाति का एक कोड नंबर दिया गया है. जैसे कायस्थ के लिए गणना कोड 21, कुर्मी - 24, कुशवाहा (कोइरी) -26, ब्राह्मण -126 और भूमिहार -142 है. इसी तरह यादव का कोड 165 तो राजपूत का 169 है. कुल 215 कोड अलग अलग जातियों के लिए निर्धारित हैं. इसमें 1 नंबर अघोरी का है तो 214 नंबर पर केवानी जाति के लोग हैं. प्रगणक गणना के दौरान लोगों से उनकी जाति पूछेंगे और उसी आधार पर कोड नंबर लिखा जाएगा. 

गणना में न सिर्फ जाति का विवरण लिया जाएगा बल्कि हर परिवार से 17 तरह के सवाल पूछे जाएंगे. प्रदेश की जातियों को अलग-अलग कोड दिया गया है. इस दौरान जब जनगणना कर्मी आपके घर आएंगे तो आपकी जाति और आय के बारे में जानकारी लेंगे. इस फेज में सभी परिवारों से 17 प्रकार की जानकारी मांगी जायेगी. आपसे जो जानकारी जनगणना कर्मियों को मिलेगी वो कोड के रूप में ऐप में दर्ज की जाएगी. दूसरे चरण का काम अगले 1 महीने यानी 15 मई तक चलेगा.

जाति गणना में सूबे में रहनेवाले सभी लोगों की शैक्षणिक स्थिति की भी जानकारी जुटायी जायेगी. अलग-अलग शैक्षणिक योग्यता के लिए 53 तरह के कोड बनाये गये हैं. अनपढ़ के लिए शून्य कोड है, तो सीए का कोड 53 रखा गया है. शैक्षणिक कोड के सहारे यह पता लगाने में सहूलियत होगी कि किसी खास विषय में डिग्रीधारकों की संख्या कितनी है. एमबीबीएस को 25 और सीए के लिए 53 नंबर का कोड, मैट्रिक पास हैं तो दस नंबर का कोड होगा.

सभी आंकड़ों को समायोजित कर होगा प्रकाशन : जाति गणना में दूसरे फेज के काम के लिए बने एप में लोगों से मिलने वाली सभी जानकारियों को कोड में ही भरा जायेगा. जानकारी एकत्रित करने के बाद एकत्र सभी आंकड़ों को समायोजित करके उसे प्रकाशित किया जायेगा. जाति गणना के लिए सरकार ने जातियों का कोड जारी किया है. उस कोड को इस चरण में ऐप में डाला जाएगा.

बच्चे का पिता का नाम बताना महिला को जरूरी नहीं : गणना के दौरान अगर कोई महिला अपने बच्चे के पिता नाम नहीं बताना चाहती है, तो गणना कर्मी उसे बाध्य नहीं कर सकते हैं. जानकारी के लिए पड़ोसी या उसी आंगन के किसी व्यक्ति से पूछ सकते हैं. वहीं, दूसरी तरफ गाइडलाइन के अनुसार किसी भी व्यक्ति की जाति उसके पिता के आधार पर तय की जायेगी.


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