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केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिहार संघर्ष समिति ने गया में किया प्रदर्शन, राष्ट्रपति को सात सूत्री भेजा ज्ञापन

केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिहार संघर्ष समिति ने गया में किया प्रदर्शन, राष्ट्रपति को सात सूत्री भेजा ज्ञापन

GAYA : आज टिकारी के स्थानीय पंचांनपुर स्थित डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के प्रतिमा के समक्ष केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिहार संघर्ष समिति के सदस्यों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। इस मौके पर दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के वर्षो से लंबित मांगों को अविलंब पूरा कराने के लिए राष्ट्रपति के यहाँ आगमन के एक दिन पूर्व विस्तृत ज्ञापन ट्वीट, ई मेल तथा कुलपति के माध्यम से उनके पास भेजा गया।

प्रदर्शन कार्यक्रम का नेतृत्व केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिहार संघर्ष समिति के संयोजक प्रो विजय कुमार मिट्ठू ने किया। इसमें नरेंद्र कुमार गुड्डू, बाल्मीकि प्रसाद, बृजमोहन शर्मा,  प्रो. मुद्रिका सिंह नायक, हिमांशु शेखर, श्रीकांतशर्मा, सत्येंद्र नारायण सिंह, विपिन बिहारी सिन्हा  कुंदन कुमार, नथुन पासवान, रीता देवी,  सीताराम सिंह, रामचंद पासवान, सीताराम  यादव, जागरुक यादव,  अरविंद कुमार वर्मा, राम कृष्णा त्रिवेदी आदि ने कहा कि सन 2012 में गया में केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिहार संघर्ष समिति के बैनर तले सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठन के महीनों संघर्ष के उपरांत गया जिला के टिकारी प्रखंड अंतर्गत दरियापुर, फतेहपुर मे दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। इसके शिलान्यास कार्यक्रम मे शामिल तत्कालीन कुलाधिपति लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार एवं तत्कालीन कुलपति डॉक्टर जनक पांडेय ने महती जनसभा को संबोधित करते हुए दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय परिसर मे नर्सरी से +2 तक पढ़ाई हेतु केन्द्रीय विद्यालय, एन आई टी के समकक्ष इंजीनियरिंग कॉलेज तथा राष्ट्रीय स्तर का मेडिकल कॉलेज खोलने की भी घोषणा की थी, जो आज तक नहीं खुला है।

नेताओं ने कहा कि उत्तर बिहार के मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के तर्ज़ पर दक्षिण बिहार के गया स्थिति केन्द्रीय विश्वविद्यालय का नामकरण विष्णु _ बुद्ध केन्द्रीय विश्वविद्यालय करने की सम्पूर्ण मध्य दक्षिण बिहार के आमजनों की तीव्र इच्छा को पूरा करने का भी मांग दोहराया गया। प्रदर्शन में शामिल संघर्ष समिति के सदस्यों, स्थानीय लोगों ने विष्णु,  बुद्ध की धरती,  मोक्ष,  ज्ञान की नागरी गया जी के ऐतिहासिक टिकरी की धरती पर दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति 20 अक्तूबर  को आगमन पर हार्दिक स्वागत, अभिनंदन करते हुए दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के चहुंमुखी विकास की गुहार लगाई है। नेताओं ने कहा कि दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के गया मे स्थापना हेतु चले महीनों संघर्ष के दौरान टिकरी अनुमंडल के संयोजक रामानंद शर्मा एवं सक्रिय साथी श्रावण कुमार की मौत पटना मे संघर्ष समिति के  29 मार्च 2012 को कारगिल चौक  गांधी मैदान के पास आयोजित धरना प्रदर्शन कार्यक्रम मे शामिल होने  के लिए जाने के क्रम मे सड़क दुर्घटना  मे हो गई थी। साथ ही संघर्ष समिति के अन्य सदस्यों बाल्मीकि प्रसाद,  बृजमोहन शर्मा,  प्रो मुद्रिका सिंह नायक,  श्रीकांत शर्मा बुरी तरह घायल हो गए थे।   जिन्हे स्वस्थ होने मे महीनों समय लग गया था। संघर्ष समिति ने शहीद रामानंद शर्मा एवं श्रावण कुमार के परिजन को सम्मानित करने एवं घायल साथियों को सम्मान देने की भी माँग दोहराई।

नेताओं ने कहा कि संघर्ष समिति ने दिनाँक 11 अक्टूबर 2023 को ही राष्ट्रपति भवन ई मेल कर 20 अक्टूबर को राष्ट्रपति से संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल मिलने का समय मांगा था। जिसका जवाब उसी दिन राष्ट्रपति भवन के अवर सचिव पी सी मीना ने संघर्ष समिति के संयोजक प्रो विजय कुमार मिट्ठू एवं चीफ सेक्रेटरी बिहार को उचित कारवाई हेतु अग्रसारित किया था। लेकिन संघर्ष समिति को आज तक राज्य सरकार, स्थानिय प्रशासन तथा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई निर्देश नहीं मिला है।नेताओं ने सात सूत्री ज्ञापन राष्ट्रपति, राज्यपाल बिहार, कुलाधिपति दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय तथा कुलपति,  कुलसचिव,  दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय को भेज दिया।

गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट

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