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चैती छठ : डूबते सूर्य को छठ व्रतियों ने दिया अर्घ्य, भक्तिमय हुआ, पटना और हाजीपुर का गंगा घाट

चैती छठ : डूबते सूर्य को छठ व्रतियों ने दिया अर्घ्य, भक्तिमय हुआ, पटना और हाजीपुर का गंगा घाट

HAJIPUR : छठ का व्रत महिलाएं अपनी संतान की सलामती और उज्ज्वल भविष्य के लिए करती हैं। चैती छठ का तीसरा दिन आज यानी 14 अप्रैल को है। इस दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का सिलसिला शुरू हो गया है। और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पर्व का समापन होगा। 

लोक आस्था और सू्र्य उपासना के पर्व चैती छठ के तीसरे दिन रविवार को पहला अर्घ्य दिया जा रहा है। शाम के समय डूबते भगवान सूरज को नदियों के किनारे जल चढ़ाया जा रहा है। राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में गंगा तट से लेकर विभिन्न जलाशयों के किनारे सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अस्त होने वाले भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया और पूजा-अर्चना की। चार दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान के अंतिम दिन सोमवार को व्रती सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे।

जिला प्रशासन द्वारा हाजीपुर और सोनपुर नदियों के घाटों पर सुरक्षा के इंतजाम किया गया है। चैती छठ के तीसरे दिन पर्व को लेकर व्रती गंगा के घाट से लेकर विभिन्न नदियों के तटों, तालाब और जलाशयों पर पहुंचे और भगवान भास्कर की पूजा-अराधना की। गंगा तटों पर छठ पूजा के पारंपरिक गीत गूंजते रहे। छठ पर्व को लेकर गंगा सहित सभी नदियों के घाटों पर सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है। हाजीपुर , बिदुपुर, महुआ, महनार, पातेपुर पड़ोसी जिला सारण, सोनपुर, पटना सहित कई जिलों के गांव से लेकर शहर तक के विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया। 

उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा समापन

इसके पहले व्रतियों ने शनिवार की शाम भगवान भास्कर की अराधना की और खरना किया था। खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया था पर्व के चौथे और अंतिम दिन यानी सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद श्रद्धालुओं का व्रत संपन्न हो जाएगा। इसके बाद व्रती अन्न-जल ग्रहण कर पारण करेंगी। और हिंदू परंपरा के अनुसार, कार्तिक और चैत्र माह में छठ व्रत का आयोजन होता है।  इस दौरान व्रती भगवान भास्कर की अराधना करते हैं।

REPORT - RISHAV KUMAR

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