बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

दरभंगा में बीजेपी को गढ़ बचाने की चुनौती, भाजपा के गोपालजी ठाकुर को राजद के ललित यादव दे रहे बड़ी टक्कर, समझिए लोकसभा का गणित...

दरभंगा में बीजेपी को गढ़ बचाने की चुनौती, भाजपा के गोपालजी ठाकुर को राजद के ललित यादव दे रहे बड़ी टक्कर, समझिए लोकसभा का गणित...

DARBHANGA: लोकसभा चुनाव की सरगर्मी बिहार के बढ़ते तापमान के साथ तेज होता जा रहा हैं। जहां कभी लालू का MY फॉर्मूला जीत की गारंटी माना जाता था लेकिन हालात बदले तो फॉर्मूला भी बदला और अब आरजेडी MY की बजाय BAAP फॉर्मूले पर फोकस कर रही है। लेकिन लालू को अपने पुराने फॉर्मूले पर अब भी पूरा भरोसा है। दरभंगा लोकसभा सीट पर जीत के लिए लालू ने एक बार फिर MY समीकरण पर यकीन जताया है। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में दरभंगा सीट पर बेहद ही रोचक जंग देखने को मिलेगी। 

दरअसल, बीजेपी ने जहां एक बार फिर अपने मौजूदा सांसद गोपालजी ठाकुर पर पर भरोसा जताया है तो आरजेडी ने इस बार दरभंगा के 'रण'क्षेत्र में अब्दुल बारी सिद्दीकी की जगह बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और दरभंगा ग्रामीण से लगातार 6 बार से विधायक ललित प्रसाद यादव को अपना उम्मीदवार बनाया हैं। ललित यादव ने पहली बार 1995 में जीत दर्ज की थी और 2022 में नीतीश कैबिनेट में पीएचईडी मंत्री रहे। वहीं उनपर कई बड़े बड़े आरोप लगने से उनको दरभंगा का बाहुबली विधायक भी कहा जाता है। जिसमें मब्बी ओपी के शाहपुर चक्का गांव निवासी प्रॉपर्टी डीलर हीरा पासवान का शव उसके बगीचे में मिला था। उसकी गोली मारकर हत्या की गई थी। जिसमें उनके परिजन ने  हत्याकांड आरोप लगाया था लेकिन तात्कालिक डीएसपी दिलवाज अहमद ने इसें सभी सिरें से खारिज कर दिया था। 

यह बोलकर जो केस में उनका नाम नहीं हैं। लेकिन भाजपा ने तब इस कांड को बड़ा मुद्दा बनाई थी। वहीं स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि वो अपने झंझारपुर के एक ड्राइवर के साथ बरहमी से पेश आए थे। बंद कमरे में चालक के नाखून नोच लिए थे जिसको लेकर तब सियासत गरमाई थी। वहीं बीजेपी ने जहां एक बार फिर अपने मौजूदा सांसद गोपालजी ठाकुर पर भरोसा जताया हैं उनके पूर्व के कार्यकाल को लेकर काफी विरोध हो रहा हैं। उनके अपने ही कार्यकर्ता खुश नहीं हैं इसका खामियाजा उन्हें क्षेत्र में प्रचार के दौरान लगातार उठानी पड़ रही है। वैसे दरभंगा लोकसभा सीट को ब्राह्मणों का गढ़ कहा जाता है। जिसमें 17लाख 74 हजार 656 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिसमें पुरुष मतदाता 9लाख 33 हजार 122 एवं महिला मतदाता की संख्या 8लाख 41 हजार 449 है वही थर्ड जेंडर की संख्या 35 है।

जिसमें यहां सबसे अधिक साढ़े 4 लाख ब्राह्मण वोटर्स हैं, जबकि दूसरे नंबर पर साढ़े 3 लाख वोट के साथ मुस्लिम हैं। इसके अलावा मल्लाह जाति के मतदाता करीब 2 लाख जबकि एससी-एसटी के ढाई लाख से ज्यादा वोटर्स हैं। वहीं यादव मतदाताओं की संख्या करीब 1 लाख 60 हजार है। ऐसे में MY समीकरण को जोड़ दिया जाए तो आंकड़ा 5 लाख 10 हजार पर पहुंच जाता है। 2019 में अब्दुल बारी सिद्दीकी को उतारकर लालू प्रसाद ने MY समीकरण साधने की कोशिश की थी लेकिन सिद्दीकी बहुत बड़े अंतर से हार गये। इस बार लालू प्रसाद ने MY वोटों में बिखराव के लिए यादव उम्मीदवार ललित यादव पर दांव खेला है। वहीं चर्चा ये भी है कि दरभंगा से AIMIM भी अपना कैंडिडेट उतार सकता है। अगर ऐसा हुआ तो मुस्लिम वोटों में बिखराव निश्चित है।

अलग-अलग दलों से ही सही 9 बार ब्राह्मणों ने दरभंगा लोकसभा सीट पर जीत का परचम लहराया है। 1971 में कांग्रेस के विनोदानंद झा ने जीत दर्ज की तो 1972 के उपचुनाव में कांग्रेस के ललित नारायण मिश्र चुने गए। वहीं 1977 में बीएलडी के सुरेंद्र झा तो 1980 में कांग्रेस के हरिनाथ मिश्र सांसद बने। 1984 में लोकदल के विजय कुमार मिश्र जीते तो बीजेपी के टिकट पर कीर्ति आजाद ने 1999, 2009 और 2014 में जीत दर्ज की। 2019 में बीजेपी के टिकट पर सांसद बने गोपालजी ठाकुर भी ब्राह्मण हैं। 6 विधानसभा सीटों में से 5 पर NDA का कब्जा है। दरभंगा लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती है। जिनमें दरभंगा ग्रामीण पर आरजेडी के ललित प्रसाद यादव का कब्जा है। बाकी गौड़ा बौराम, बेनीपुर, अलीनगर, दरभंगा शहरी और बहादुरपुर विधानसभा सीटों पर NDA का कब्जा है। इसमें भी बेनीपुर पर जेडीयू तो बाकी 4 विधानसभा सीटों पर बीजेपी विधायक हैं।

Suggested News