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निर्दलीय के रूप में पहली बार बने विधायक, अब झारखंड की गद्दी संभालेंगे चंपई सोरेन, बिहार के बंटवारे में निभा चुके हैं बड़ी भूमिका

निर्दलीय के रूप में पहली बार बने विधायक, अब झारखंड की गद्दी संभालेंगे चंपई सोरेन, बिहार के बंटवारे में निभा चुके हैं बड़ी भूमिका

RANCHI : लगभग चार साल तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहने के बाद आखिरकार हेमंत सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही प्रदेश के अगले सीएम के नाम को लेकर चल रही खिंचतान का भी अंत हो गया है। जहां अब तक हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के सीएम बनने की चर्चा चल रही थी, वहीं बुधवार देर शाम तक पूरी स्थिति बदल गई और प्रदेश के  मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे चंपई सोरेन को प्रदेश का नया सीएम के रूप में चुना गया है। हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने से पहले उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है। ऐसे में सीएम की कुर्सी तक पहुंच चंपई सोरेन के राजनीतिक इतिहास को भी जानना जरूरी है।

कौन हैं चंपई सोरेन?

सरायकेला-खरसावां जिले स्थित जिलिंगगोड़ा गांव निवासी आदिवासी सिमल सोरेन खेती किसानी किया करते थे. उनके चार बच्चों में बड़े बेटे का नाम चंपई सोरेन है. चंपई भी अपने पिता के साथ हाथ बंटाते थे. 10वीं क्लास तक सरकारी स्कूल से चंपई ने पढ़ाई लिखाई की. इस बीच उनका विवाह कम उम्र में ही मानको से कर दिया गया. शादी के बाद चंपई के 4 बेटे और तीन बेटियां हुईं

बिहार के बंटवारे में शिबू सोरेन के साथ लड़ी लड़ाई

इसी दौरान बिहार से अलग झारखंड राज्य की मांग उठने लगी. शिबू सोरेन के साथ ही चंपई भी झारखंड के आंदोलन में उतर गए. जल्द ही 'झारखंड टाइगर' के नाम से मशहूर भी हो गए. इसके बाद चंपई सोरेन ने अपनी सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक बनकर अपने राजनीतिक करियर का आगाज कर दिया. इसके बाद वह झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए थे

बीजेपी सरकार में रह चुके मंत्री

बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा की 2 साल, 129 दिन की सरकार में झामुमो नेता चंपई सोरेन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था और अहम मंत्रालय दिए गए थे. चंपई 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे. 

इसके बाद राष्ट्रपति शासन लग गया था और फिर हेमंत सोरेन की अगुवाई में बनी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार में चंपई सोरेन को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन मंत्री बनाया गया. 

हेमंत सोरेन की सरकार में दूसरी बार मंत्री

वहीं, दूसरी बार 2019 में फिर से हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने पर चंपई सोरेन को परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रखा गया है. चंपई झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं

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