Gaya Ji Jitan Ram Manjhi: जीतन राम मांझी का विपक्ष पर हमला। कहा- 'आज बिहार में जंगल राज नहीं विपक्षी कर रहा है जनता को गुमराह'

Gaya Ji Jitan Ram Manjhi: जीतन राम मांझी ने कहा कि बिहार में वर्तमान में जंगल राज नहीं है। उन्होंने 2005 और 2015 से पहले की तुलना कर विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।

Gaya Ji Jitan Ram Manjhi
जीतन राम मांझी का विपक्ष पर हमला!- फोटो : social media

Gaya Ji Jitan Ram Manjhi: गया जी जिले के मानपुर में रविवार (27 जुलाई 2025)  को हम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) पार्टी का स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री और पार्टी प्रमुख जीतन राम मांझी ने बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और "जंगल राज" की बहस को गलत बताया।

मांझी ने कहा, “2005 के पहले के बिहार को भी याद करना चाहिए। जो लोग आज अपराध के नाम पर बिहार की छवि को खराब कर रहे हैं, उन्हें पहले के हालात भी देखने चाहिए। उस वक्त कोर्ट तक ने कहा था कि बिहार में जंगल राज था। लेकिन आज किसी कोर्ट ने ऐसा नहीं कहा।”

14 करोड़ की आबादी में कुछ घटनाएं सामान्य मांझी का तर्क

मांझी ने कहा कि 14 करोड़ की आबादी वाले राज्य में कुछ घटनाएं हो सकती हैं, लेकिन इससे यह नहीं कहा जा सकता कि लॉ एंड ऑर्डर फेल हो गया है। उन्होंने स्पष्ट किया, “क्या आज कोई जातीय दंगा हुआ है? क्या कोई सांप्रदायिक झगड़ा हुआ है? नहीं! जो घटनाएं हो रही हैं वो व्यक्तिगत स्तर की हैं, जैसे प्रेम संबंधों को लेकर आत्महत्या या हत्या।”मंत्री ने दावा किया कि बिहार में आज लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति अच्छी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “पटना में एक व्यापारी की हत्या के बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया और उसका एनकाउंटर भी किया गया। अगर जंगल राज होता तो क्या इतनी जल्दी कार्रवाई होती?”

विकास हो रहा है, विपक्ष को कोई मुद्दा नहीं मिल रहा

मांझी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे जनता को भटकाने के लिए अपराध का मुद्दा उठा रहे हैं क्योंकि उनके पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा, “हम लोग विकास कर रहे हैं, जनता जागरूक है और समझ रही है कि कौन सच्चाई बोल रहा है और कौन भ्रम फैला रहा है।”

चिराग पासवान पर तीखा हमला आपके समाज की साक्षरता 32% है, कुछ नहीं बदला"

हम पार्टी के प्रमुख ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “चिराग पासवान जिस समुदाय से आते हैं, उसकी शैक्षणिक स्थिति बहुत कमजोर है। अनुसूचित जातियों की औसत साक्षरता दर 32–33% है, जबकि सामान्य बिहार की साक्षरता दर लगभग 80% है।उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को समर्थन दिया जिसमें अनुसूचित जातियों के वर्गीकरण की बात कही गई है। मांझी ने कहा, “हमारे समाज के लोग अब भी डॉक्टर, इंजीनियर या विधायक नहीं बन पा रहे। ऐसे में वर्गीकरण जरूरी है।”