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मांझी के जहर वाले बयान पर बिहार की सियासत में भूचाल,जदयू ने कहा- मांझी दंडनीय अपराध कर रहे हैं, विपक्ष का नीतीश पर पलटवार,कहा- बोलिए ऐसी बानी, जो प्रतिष्ठा पर फेर दे पानी

मांझी के जहर वाले बयान पर बिहार की सियासत में भूचाल,जदयू ने कहा-  मांझी दंडनीय अपराध कर रहे हैं,  विपक्ष का नीतीश पर पलटवार,कहा- बोलिए ऐसी बानी, जो प्रतिष्ठा पर फेर दे पानी

दिल्ली- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान ने बिहार की सियासत को गर्म कर दिया है. . हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को परोसे जाने वाले भोजन में उनकी 'कुर्सी के लालची लोगों' द्वारा 'जहरीला पदार्थ' मिलाया जा रहा है. बस फिर क्या था पक्ष के लोग नीतीश के सेक्स ज्ञान के बाद विपक्ष पर लगातार हमलावर थे, उन्होंने मांझी के बयान पर तुरंत पलटवार शुरु कर दिया.

 जेडीयू कोटे के मंत्री मदन सहनी ने कहा कि सीएम नीतीश को खाने में जहर दिया जा रहा है. यह बोलकर जीतन राम मांझी दंडनीय अपराध कर रहे हैं. उनके पास कोई सबूत है तो पेश करें. सुर्खियों में रहने के लिए कुछ भी बोल देते हैं. सोच समझकर बयान उनको देना चाहिए था. सहनी ने कहा कि बीजेपी के बहकावे में जीतन राम मांझी आ गए हैं.  सीएम नीतीश कुमार बिलकुल ठीक हैं. 18 साल से बिहार की सेवा कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे. मांझी को मुख्यमंत्री नीतीश बनाये थे. मांझी को जीतन राम मांझी सीएम नीतीश ने बनाया.  

वहीं आरजेडी के मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि जीतन राम मांझी की चिंता मीडिया को बहुत है. उनकी हर खबर दिखाई जा रही है. बिहार में जातीय गणना हुई, आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट आया. आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया, ये सब तो मीडिया में नहीं दिखाया जा रहा है. मांझी के बयान को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है. 

बता दें कि गुरुवार को विधानसभा में जीतनराम मांझी पर भड़कते हुए नीतीश कुमार ने कहा, 'इस आदमी (मांझी) को कोई आइडिया है. इसको हमने मुख्यमंत्री बना दिया था. दो महीने के अंदर ही मेरी पार्टी के लोग कहने लगे इसको हटाइए. ये गड़बड़ है. फिर हम मुख्यमंत्री बने थे. कहता रहता है, ये मुख्यमंत्री था... ये क्या मुख्यमंत्री था. ये मेरी मूर्खता से सीएम बना.ये (मांझी) गवर्नर बनना चाहता है.' इसके बाद सीएम ने बीजेपी के विधायकों की तरफ इशारा करते हुए कहा- इसको राज्यपाल बना दीजिए.

इस मामले पर मांझी ने पलटवार करते हुए कहा कि 'नीतीश कुमार अगर आपको लगता है कि आपने मुझे मुख्यमंत्री बनाया तो यह आपकी भूल है. जब जदयू विधायकों ने लतियाना शुरू किया तो उसके डर से आप कुर्सी छोड़कर भाग गए थे. आप एक दलित पर ही वार कर सकतें है, औकात है तो ललन सिंह के खिलाफ बोलकर दिखाएं जो आपका ऑपरेशन कर रहें थे.' पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने विधानसभा परिसर के बाहर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि कुछ दिन पहले नीतीश कुमार ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था, जिसके कारण उन्हें विधानमंडल के दोनों सदनों में माफी मांगनी पड़ी थी. कल उन्होंने फिर खुद पर नियंत्रण खो दिया और मुझसे अपमानजनक तरीके से बात की, यह भूल गए कि मैं उम्र और राजनीतिक अनुभव में उनसे वरिष्ठ हूं. यह उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब होने का संकेत हैं. मैं नीतीश कुमार को परोसे जाने वाले भोजन की उच्च-स्तरीय जांच कराने की भी मांग करता हूं. मुझे संदेह है कि उनके भोजन में ऐसे पदार्थ मिलाए जा रहे हैं, जो उन्हें पागल बना देंगे. उनके आस-पास कुछ ऐसे लोग हैं जो उनकी कुर्सी का लालच कर रहे हैं. 

सत्ता में हिस्सेदार राजनीतिक पार्टियां यह लगातार बताने की कोशिस कर रहीं है कि  मुख्यमंत्री के मुंह से जो शब्द निकले, दरअसल वे उनके आशय के नहीं थे. कोई यह कह रहा है कि जुबान फिसल गई, तो कोई यह कह रहा है कि जिस दौर में सेक्स शिक्षा देने की बात सरे आम हो रही है उस दौर में यदि मुख्यमंत्री ने यह कह भी दिया तो क्या बड़ी बात हो गई. राजनीति वालों के लिए कोई भी बात बड़ी नहीं.मांधी पर दिए गए बयान की बी सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने अपने ढ़ंग से व्याख्या कर रहे हैं.वही विपक्ष का कहना है कि  आम आदमी जीवन भर अपनी इज्जत आबरू की रक्षा के लिए जूझता रहता है. फिर कोई मुख्यमंत्री बिना किसी कारण उसको लज्जित करता है और उसके साथ के लोग उसे सही ठहराने की कोशिश करते हैं, तो उसको नजरों से गिराने या उससे नजर बचाने के अलावा क्या रास्ता बचता है.  

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