PATNA : बिहार सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा की बिहार में कोरोना से मरने वालों का संशोधित आंकड़ा किसी जांच एजेंसी ने नहीं, बल्कि स्वयं स्वास्थ्य विभाग ने जारी कर साफ किया. उसकी मंशा हर मृतक के आश्रितों को 4 लाख रुपये का मुआवजा और अन्य सहायता दिलवाने की है. कोरोना के कारण दूरदराज के इलाकों से लेकर निजी अस्पताल और अस्पताल के रास्ते तक में मौतें हुईं, जिनके आंकड़े समय पर नहीं पहुंच पाए थे.
उन्होंने कहा की आर्थिक रुप से पिछड़ा होने के बावजूद बिहार पहला राज्य है, जिसने कोरोना से मरने वालों के परिवार को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया. इस महामारी की हर चुनौती का सामना करने के लिए कैबिनेट ने 300 करोड़ रुपये की मंजूरी दी.
सुशील मोदी ने कहा की यदि आंकड़ा छिपाने का विपक्ष का आरोप सही होता, तो सरकार न सही आंकडे जुटाने वाली टीम गठित करती, न उसका अपडेट जारी करने का साहस करती. एनडीए सरकार कोरोना मृत्यु से विपदाग्रस्त एक-एक परिवार को खोज कर सबको मुआवजा दिलाने के काम में लगी है. महामारी से मौत के पूरे आंकड़े विभिन्न स्रोतों से मिलने पर मुआवजा पाने के पात्र परिवारों की संख्या और बढ सकती है. दुर्भाग्यवश, जो लोग भारतीय वैक्सीन पर भ्रम फैलाने में लगे थे, वे अब सरकार की नीयत पर अविश्वास पैदा करने की साजिश कर रहे हैं.
पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट