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मिर्ची हो गई और ज्यादा तीखी, सूखी मिर्च का भाव बढ़कर हुआ 20 हजार रुपये क्विंटल

मिर्ची हो गई और ज्यादा तीखी, सूखी मिर्च का भाव बढ़कर हुआ 20 हजार रुपये क्विंटल

DESK. मिर्च का तीखापन कुछ ज्यादा ही बढ़ने वाला है. यह तीखापन मिर्च की महंगाई से जुड़ा है. यानी इस साल मिर्च की कीमतें आसमान को छूने वाली हैं. इस बार मिर्च और कपास इन दोनों की फसलों में कीट लगने के कारण इनकी पैदावार अन्य वर्षों के मुकाबले कम हो पाई है. ऐसे में इन दिनों मिर्च का तीखापन और बढ़ गया है. बाजार में मिर्च पाउडर के भाव आसमान छूने लगे हैं.

मिर्च का सबसे ज्यादा उत्पादन देश में आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिले में होता है. यहां पूरे राज्य की 30 से 40 प्रतिशत मिर्च पैदा होती है. लेकिन इस बार यहां भी मिर्च का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. इसके अलावा तेलंगाना में भी मिर्च की खेती अधिक होती है वहां भी इस फसल में रोग का प्रकोप होने से पैदावार कम हुई है. कुल मिलाकर मिर्च की पैदावार घटने से इसके बाजार भावों में भारी उछाल आ रहा है. इसका लाभ किसान उठा सकते हैं. वहीं व्यापारियों को अभी और तेजी आने की उम्मीद बनी हुई है जिससे वे मिर्च का स्टॉक कर रहे हैं. कृषि विशेषज्ञों की मानें तो सूखी मिर्च की चर्चित किस्मों की कीमत जो पहले 10 से 12 हजार प्रति क्विंटल थी वह बढ़कर 20 हजार रुपये क्विंटल हो गई है.

मिर्च की फसल में इस बार थ्रिफ्ट नामक कीट का प्रकोप ज्यादा होने से इसकी फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई. मिर्च का प्रति हेक्टेयर उत्पादन कम हुआ. इससे बाजार में मिर्च की आवक भी कम हो गई है. यह सीमित मात्रा में आ रही है.

यह सच है कि जैसे-जैसे मिर्च की घरेलू मांग बढ़ेगी तो इसकी कीमतों में भी उछाल आता जाएगा. इन दिनों उन किसानों को मिर्च की कम पैदावार के बाद भी खासा लाभ मिल सकता है जिन्होंने इसकी खेती की है. किसानों के अलावा व्यापारी भी मिर्च का स्टॉक करने में जुट गए हैं. चूंकि अभी  मिर्च की नई फसल आने में काफी देरी है इसलिए किसानों को चाहिए कि वे उचित समय देख कर मिर्च का बेचान करना शुरू कर दें.

इस बार किसी भी राज्य ने मिर्च के उत्पादन के आंकड़े नहीं दर्शाये हैं. ऐसे में मिर्च की पैदावार का सही आंकलन का अनुमान लगाना भी कठिन हो रहा है. यही कारण है कि अब तक व्यापारी भी यह अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं कि इस बार मिर्च का कितना उत्पादन हुआ है कितनी आवक मंडियों में हो सकती है. जाहिर है कि मिर्च के भावों में तेजी का एक कारण यह भी है.

यूं तो मिर्च की खेती देश के प्राय: सभी राज्यों में की जाती है लेकिन अगर सबसे तीखी मिर्च की बात की जाए तो यह भारत के गिने-चुने राज्यों में ही होती है. बता दें कि तीखी मिर्च की खेती असम और उत्तरी पश्चिम क्षेत्र में होती है. इस मिर्च का नाम है भूत झोलकिया. यह मिर्च इतनी तीखी होती है कि जीभ पर इसका स्वाद लगते ही व्यक्ति को चक्कर आने लगते हैं और आंखों में तेज जलन होती है. भूत झोकलिया मिर्च के बारे में कई रोचक बाते हैं. इसका नाम गिनीज बुक वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज है. बताया जाता है कि अन्य मिर्चों के मुकाबले इसका तीखापन 400 गुना ज्यादा होता है. इस मिर्च को भूत काली मिर्च, घोस्ट चिली, घोस्ट पेपर, नागा झोकलिया आदि नामों से भी जाना जाता है. इसकी फसल 75 से 90 दिनों में तैयार होती है. इसकी लंबाई अधिकत 3 इंच तक होती है.


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