बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

चिराग पासवान को बुरे वक्त में साथ देने वाले अमर आजाद कौन है ?, जो बिहार में ताकत बनकर खड़ा है...

चिराग पासवान को बुरे वक्त में साथ देने वाले अमर आजाद कौन है ?, जो बिहार में ताकत बनकर खड़ा है...

पटना : रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान के लिए वक्त काफी खराब चल रहा है. अपनों के घात से आहत चिराग पासवान ने कभी सोचा भी न होगा, कि एक दिन ऐसा आएगा जब सगे चाचा पशुपति पारस ही सबसे बड़े दुश्मन बन जाएंगे. चाचा पशुपति पारस, भाई प्रींस राज के साथ-साथ कई भरोसेमंद लोगों ने चिराग पासवान का साथ छोड़ दिया है. ऐसे में चिराग पासवान अकेले पड़ गए हैं. लेकिन एक सिपाही ऐसा है जो अब भी मजबूती के साथ खड़ा है. नाम है अमर आजाद, जो बीते बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही लोजपा में शामिल हुए थे और बोचहा विधानसभा क्षेत्र से लोजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था.

आइए जानते हैं अमर आजाद कौन हैं ? 

अमर आजाद नालंदा जिले के रहने वाले हैं. पटना यूनिवर्सिटी से BA, LLB, MA की पढ़ाई की है. इनके पिता और नाना ने इन्हें पढाया लिखाया, आज इनके पिता गंभीर बीमारी से ग्रसित होने के कारण खुद से दो कदम चल नहीं पाते हैं. इसके बावजूद अमर आजाद पिछले 10 सालों से सामाजिक न्याय, आरक्षण, अत्याचार आदि की लड़ाई लड़ रहें हैं. अमर आजाद 2010 से सामाजिक कार्यो एवं संगठन से जुड़े हैं. पटना के अम्बेडकर कल्याण छात्रवास महेन्द्रू में रहकर इन्होंने पढ़ाई के साथ- साथ सामाजिक राजनीतिक कार्य किए हैं. 

कई हस्तियों को सामाजिक तौर पर मदद किया

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को जब CM के पद पर से हटाया गया था, तब अमर आजाद ने सभी दलित छात्रों अम्बेडकर हॉस्टल, दलित कर्मचारियों को एकजुट कर पटना में मांझी जी के समर्थन में आन्दोलन किया था. 2014 में जीतनराम मांझी जब मुख्यमंत्री थे तो बिहार के मेडिकल कॉलेज में दाखिले से कई दलित छात्र वंचित रह गए थे. क्योंकि 40 % कटऑफ चाहिए था उस समय अमर आजाद ने जीतनराम मांझी जी से बातकर कटऑफ 32% करवाया. पटना सहित बिहार के सभी जिलों में अम्बेडकर कल्याण छात्रवास का नव निर्माण छात्रवास एवं छात्रवास में सुविधाओं को मुहैया करवाने में भी अमर आजाद की बड़ी भूमिका रही है. 

पटना के महेन्द्रू स्थित थिओसोफिकल छात्रवास बीते 30 साल से खण्डर बना हुआ था. बास बल्ली के सहारे दलित छात्र रहते थे. उस छात्रवास को बनवाने के लिए अमर आजाद ने तत्कालीन सीएम जीतनराम मांझी का कार्यक्रम राजकीय अम्बेडकर कल्याण छात्रवास में करवाया. तब जाकर CM ने नया छात्रवास बनवाने का आदेश दिया.

दलित आंदोलन में उतर प्रदेश के चंद्रशेखर उभरता हुए नेता हैं. 2017 में जब सहारनपुर कांड हुआ तब भीम आर्मी संगठन का नाम सुर्खियों में आया. अमर आजाद ने भीम आर्मी कमिटी का गठन बिहार में किया. चंद्रशेखर 17 महीनों तक जेल में रहें. तो बिहार में अमर आजाद ने बिहार में SC-ST एक्ट आंदोलन 2 अप्रैल 2018 में बहुत बड़ी भूमिका निभाई. अमर आजाद 2012 में दलित छात्रों की छात्रवृत्ति आंदोलन में बेउर जेल भी गए हैं , इनपर जानलेवा हमला भी हुआ है. अमर आजाद बिहार इंडियन स्टूडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ( ISWA ) , ऑल बिहार अम्बेडकर कल्याण छात्रवास संघ और द ग्रेट भीम आर्मी संगठन के संस्थापक भी रहे हैं. अमर आजाद बिहार में तेजी से दलित युवा नेता के रुप मे उभर रहें हैं ।

गौरतलब है कि लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के पारिवारिक झगड़े ने जब राजनीतिक रूप ले लिया.  पार्टी और परिवार बिखरने लगा तब अमर आजाद ने चिराग पासवान का साथ दिया. पटना में अमर आजाद की टीम ने लोजपा के बागी सांसदों का विरोध किया और पोस्टरों पर कालिख पोती. जब लोजपा के 5 सांसद पटना आये, तो अमर आजाद ने लोजपा कार्यलय पटना में सभी को काला झंडा दिखाया. जिसमें अमर आजाद पर लाठी चार्ज हुए 6 घंटे तक पुलिस थाने में बैठा कर रखा गया.







Suggested News